Essay on Dussehra or Vijayadashami in Hindi | विजयदशमी अथवा दशहरा पर निबंध

दशहरा या विजयादशमी क्यों मनाया जाता है? महत्व पर निबंध

दशहरा हिन्दू का सभी त्योहारों में से प्रमुख त्योहार है दशहरा के
इस पर्व को ही हमलोग विजयादशमी के नाम से भी जानते हैं इसे अनन्याय पर न्याय का त्यौहार
भी कहा जाता हैं
दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का ही
प्रतीक हैं   |

Essay on Dussehra or Vijayadashmi in Hindi | विजयदशमी अथवा दशहरा पर निबंध

दशहरा या विजयादशमी पर निबंध (Dussehra or Vijayadashami Essay)

दशहरा बुरे आचरण पर अच्छे आचरण की जीत की ख़ुशी में मनाया जाता हैं


दशहरा से जुड़ी रीती रिवाज और परंपरा

हमारा भारत एक ऐसा देश
है जो अपनी परंपरा संस्कृति,
और मेले के लिये प्रचलित है। यहाँ हर पर्व को लोग पूरे
जोश और खुशी के साथ मनाते है। हिन्दू दशहरा
के दिन भारत की सरकार द्वारा उत्सव
पर छुट्टी की घोषणा की जाती है। दशहरा का अर्थ है बुराई के राजा रावण पर अच्छाई के
भगवान श्री राम की जीत।

2023 में दशहरा
कब है? (When Dussehra is in
2023)

दशहरा अश्विन माह की शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है यह नवरात्री खत्म होते ही अगले दिन मनाया
जाता है  दशहरा
को विजयदशमी के रूप में भी जाना
जाता है भारत के अधिकांश राज्यों में इस दिन रावण के पुतले को जलाया जाता है वही कुछ
राज्यो मे  इस दिन रावण को जलाया नहीं जाता
बल्कि उसकी पूजा की जाती है

रावण की पूजा की जाने वाली जगह का नाम

कर्नाटक के कोलार, मध्यप्रदेश के मंदसौर, राजस्थान के जोधपुर, और हिमाचल
के बैजनाथ इत्यादि जगहों पर दशहरा के
दिन रावण की पूजा की जाती है

दशहरा त्यौहार
की
कहानी क्या है और क्यों मनाया जाता है?
Dussehra Festival story

दशहरा के के पीछे बहुत कहानियाँ हैं, जिनमे सबसे प्रमुख कथा हैं भगवान
श्री राम का युद्ध जीतना अर्थात रावण की बुराई का विनाश कर उसके घमंड को तोड़ना.

राम अयोध्या नगरी के राजकुमार थे, उनकी पत्नी का नाम सीता था एवम उनके
छोटे भाई थे, जिनका नाम लक्ष्मण था. राजा दशरथ राम के पिता थे. उनकी पत्नी कैकई के
कारण इन तीनो को चौदह वर्ष के वनवास के लिए अयोध्या नगरी छोड़ कर जाना पड़ा था. उसी वनवास
काल के दौरान रावण ने सीता का अपहरण
किया था. इसी के कारण राम रामवाण
का युद्ध हुआ था

रावण चतुर्वेदो का ज्ञाता महाबलशाली राजा था, जिसकी सोने की लंका थीलेकिन उसमे
अपार अहंकार था. वो महान शिव भक्त था और खुद को भगवान विष्णु का दुश्मन बताता था. वास्तव
में रावण के पिता विशर्वा एक ब्राह्मण थे एवं माता राक्षस कुल की थी, इसलिए रावण में
एक ब्राह्मण के समान ज्ञान था एवम एक राक्षस के समान शक्ति और इन्ही दो बातों का रावण
में अहंकार था. जिसे ख़त्म करने के लिए भगवान विष्णु ने रामावतार लिया था.

राम ने अपनी सीता को वापस लाने के लिए रावण से युद्ध किया, जिसमे वानर
सेना एवम हनुमान जी ने राम का साथ दिया. इस युद्ध में रावण के छोटे भाई विभीषण ने भी
भगवान राम का साथ दिया और अन्त में भगवान राम ने रावण को मार कर उसके घमंड का नाश किया
इसी विजय के स्वरूप में प्रति
वर्ष विजियादशमी मनाई जाती हैं.

आज दहशरा कैसे मनाया जाता हैं?
(Dussehra Festival Celebration in India)

भारत में दशहरा इन पौराणिक
कथाओं को माध्यम मानकर मनाया जाता हैं.
दुर्गा माता के नौ
दिन की पूजा
समाप्त
होने
के बाद दसवे दिन जश्न के तौर पर मनाया जाता हैं. जिसमे कई जगहों पर
रामलीला का आयोजन
भी होता है, जिसमे कलाकार रामायण
के पात्र बनते हैं और राम-रावण के इस युद्ध को नाटिका के रूप में प्रस्तुत करते हैं

दशहरा का मैला (Dussehra Festival Mela)

कई जगहों पर इस दिन मैला लगता है, जिसमे कई दुकाने एवम खाने पीने के
आयोजन होते हैं. उन्ही आयोजनों में नाट्य नाटिका का प्रस्तुतिकरण किया जाता हैं.
इस दिन घरों
में लोग अपने वाहनों को साफ़ करके उसका पूजन करते हैं. व्यापारी अपने लेखा का पूजन करते
हैं. किसान अपने जानवरों एवम फसलो का पूजन करता हैं. इंजिनियर अपने औजारों एवम अपनी
मशीनों का पूजन करते हैं.

इस दिन घर के सभी पुरुष एवम बच्चे दशहरे मैदान पर जाते हैं. वहाँ रावण,
कुम्भकरण एवम रावण
के पुत्र मेघनाथ के पुतले का दहन
करते है. सभी शहर वासियों के साथ इस पौराणिक जीत का जश्न मनाते हैं. मैले का आनंद लेते
हैं. उसके बाद शमी पत्र जिसे सोना चांदी कहा जाता हैं उसे अपने घर लाते हैं. घर में
आने के बाद द्वार पर घर की स्त्रियाँ, तिलक लगाकर आरती उतारकर स्वागत करती हैं. माना
जाता हैं कि मनुष्य अपनी बुराई का दहन करके घर लौटा है, इसलिए उसका स्वागत किया जाता
हैं. इसके बाद वो व्यक्ति शमी पत्र देकर अपने से बड़ो के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लेता
हैं. इस प्रकार घर के सभी लोग आस पड़ोस एवम रिश्तेदारों के घर जाकर शमी पत्र देते हैं
एवम बड़ो से आशीर्वाद लेते हैं, छोटो को प्यार देते हैं एवम बराबरी वालो से गले मिलकर
खुशियाँ बाटते हैं.

अगर एक पंक्ति में कहे तो यह पर्व आपसी रिश्तो को मजबूत करने एवम भाईचारा
बढ़ाने के लिए होता हैं, जिसमे मनुष्य अपने मन में भरे घृणा एवम बैर के मेल को साफ़ कर
एक दुसरे से एक त्यौहार के माध्यम से मिलता हैं.

इस प्रकार यह पर्व भारत के बड़े- बड़े पर्व में गिना जाता हैं एवम पुरे
हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता हैं.

हमारे देश में धार्मिक मान्यताओं के पीछे बस एक ही भावना होती हैं,
वो हैं प्रेम एवं सदाचार की भावना. यह पर्व हमें एकता की शक्ति याद दिलाते हैं जिन्हें
हम समय की कमी के कारण भूलते ही जा रहे हैं, ऐसे में यह त्यौहार ही हमें अपनी नींव
से बाँधकर कर रखते हैं.

आज के समय में त्यौहार अपनी वास्तविक्ता से अलग जाकर आधुनिक रूप ले
रहे हैं, जिसने इसके महत्व को कहीं न कहीं कम कर दिया हैं| जैसे-

दशहरे पर एक दुसरे के घर जाने
का रिवाज था, अब ये रिवाज मोबाइल कॉल एवम इंटरनेट मेसेज का रूप ले चुके हैं.

खाली
हाथ नहीं जाते थे, इसलिए शमी पत्र ले जाते थे, लेकिन अब इसके बदले मिठाई एवम तौहफे
ले जाने लगे हैं, जिसके कारण यह फिजूल खर्च के साथ प्रतिस्पर्धा का त्यौहार बन गया
हैं.

रावण
दहन के पीछे उस पौराणिक कथा को याद रखा जाता था, जिससे एक सन्देश सभी को मिले कि अहंकार
सर्वनाश करता हैं, लेकिन अब तरह- तरह के फटाके फोड़े जाते हैं, जिनके
कारण फिजूल खर्च बढ़ गया हैं. साथ ही 
प्रदूषण की समस्या बढ़ती जा रही हैं.

इस प्रकार प्रदूषण के कारण त्यौहारों का रूप भी
बदलता जा रहा हैं. और कई लोग इन्हें धार्मिक बवंडर का रूप मानकर इनसे दूर होते जा रहे
हैं. पुराणों के अनुसार इन सभी
त्योहारों
का रूप बहुत सादा था. उसमे दिखावा नहीं बल्कि ईश्वर के प्रति आस्था थी. आज ये अपनी
नींव से इतने दूर होते जा रहे हैं कि मनुष्य के मन में कटुता भरते जा रहे हैं. मनुष्य
इन्हें वक्त एवम पैसो की बर्बादी के रूप में देखने लगा हैं. हम सभी को इस वास्तविक्ता
को समझ कर सादगी के रूप में त्यौहारों को मनाना चाहिये. देश की आर्थिक व्यवस्थता को
सुचारू रखने में भी त्यौहारों का विशेष योगदान होता हैं इसलिए हमें सभी त्यौहार मनाना
चाहिये |

दशहरा पर निबंध 10 लाइन (Essay on Dussehra in Hindi- 10 lines)

दशहरा पर निबंध 10 लाइन में जानने के लिए आप नीचे दिए गए बिंदुओं पर नजर डाल सकते हैं। यहाँ आपके लिए दशहरा निबंध 10 पर लाइन दिया गया है-

  1. दशहरा हिन्दुओं का सबसे लोकप्रिय त्योहार है जिसे 10 दिनों तक मनाया जाता है।

  2. दशहरा रामायण के महाकाव्य में राक्षस रावण पर भगवान राम की जीत का प्रतीक है।

  3. संस्कृत में दशहरा शब्द का अर्थ है 10 बुराइयों से छुटकारा।

  4. यह हिंदू धर्म में बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाने वाले त्योहारों में से एक है।

  5. दशहरा न केवल हिंदुओं द्वारा मनाया जाता है, बल्कि देश के अन्य धर्मों जैसे मुस्लिम, ईसाई और सिखों द्वारा भी मनाया जाता है।

  6. दशहरा को नवरात्रि उत्सव के रूप में भी जाना जाता है, जिसे भारतीय घरों में खुशी फैलाने के लिए मनाया जाता है।

  7. राम-लीला रामायण का एक नाट्य रूपांतरण है जिसका आयोजन आमतौर पर विजयादशमी के दिन किया जाता है।

  8. इस दिन रावण, कुंभकरण और मेघनाथ जैसे राक्षसों के पुतले जलाए जाते हैं।

  9. दस सिर वाले रावण को जलाते वक्त जोरदार आतिशबाजी की जाती है।

  10. दशहरा भारतीय उपमहाद्वीप में लंका के राजा रावण की बर्बर भूमिका के अंत का प्रतीक है।

By Neha