UP 2 Child Policy kya hai | what is UP 2 Child Policy in hindi | यूपी 2 चाइल्ड पॉलिसी क्या है
यूपी में आपके लिए परेशानी बन जाएगा आपका तीसरा बच्चा
समझिए क्या है जानकारी |
यूपी 2 चाइल्ड पॉलिसी
और जनसंख्या नियंत्रण कानून क्या है?
योगी सरकार ने उत्तर
प्रदेश में अपना जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की पेशकश की है। UP स्टेट लॉ कमीशन
ने इसका ड्राफ्ट जारी किया है। UP में अगले साल यानी 2022 में विधानसभा चुनाव है। ऐसे
में संघ के एजेंडे में |
उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानूनी उपायों के रास्ते बनने लगे हैं. राज्य विधि आयोग ने यूपी जनसंख्या (नियंत्रण, स्थिरीकरण व कल्याण) विधेयक-2021 का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है इसमें दो से अधिक बच्चे होने पर सरकारी नौकरियों में आवेदन से लेकर स्थानीय निकायों में चुनाव लड़ने पर रोक लगाने का प्रस्ताव है।सरकारी योजनाओं का भी लाभ न दिए जाने का जिक्र है आयोग ने जानकारी अपनी वेबसाइट https://upslc.upsdc.gov.in पर डाल दिया गया है।
यह कानून किस पर लागू होगा?
यह कानून उत्तरप्रदेश में रहने वाले उन सभी विवाहित दंपती पर लागू
होगा, जहां लड़के की उम्र 21 वर्ष और लड़की की उम्र कम से कम 18 वर्ष है।
नसबंदी कराने वालों को मिलेंगी सुविधाएं |
नई नीति के तहत अगर घर का मालिक सरकारी नौकरी में है तो वह नसबंदी कराने के बाद एक्स्ट्रा इंक्रीमेंट, प्रमोशन, सरकारी आवासीय योजनाओं में छूट, पीएफ में एम्प्लॉयर कंट्रीब्यूशन बढ़ने जैसी कई सुविधाओं को हकदार हो सकते हैं
इसके अलावा दो बच्चों वाले दंपती अगर सरकारी नौकरी में नहीं हैं तो उन्हें पानी, बिजली, हाउस टैक्स, होम लोन में छूट व अन्य सुविधाएं देने का प्रस्ताव है
एक संतान पर खुद से नसबंदी कराने वाले हर अभिभावकों को संतान के 20 वर्ष तक मुफ्त इलाज, शिक्षा, बीमा शिक्षण संस्था व सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता देने की सिफारिश है और इसके अंतर्गत सरकारी नौकरी वाले दंपती को चार अतिरिक्त इंक्रीमेंट देने का सुझाव भी है
अगर दंपती गरीबी रेखा के नीचे हैं और एक संतान के बाद ही स्वैच्छिक नसबंदी करवाते हैं तो उनके बेटे के लिए उसे 80 हजार और बेटी के लिए एक लाख रुपये एकमुश्त दिए जाने की भी सिफारिश की गई है
क्या यह कानून मुस्लिम विरोधी है?
कुछ हद तक राज्य की कुल 22 करोड़ आबादी में 20% हिस्सेदारी मुस्लिमों
की है। इस पर महत्वपूर्ण बात यह है कि नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS-4) के मुताबिक
राज्य में मुस्लिमों का टोटल फर्टिलिटी रेट 3.1 है, जो हिंदुओं के 2.7 से कहीं अधिक
है। टोटल फर्टिलिटी रेट को निकालने का फॉर्मूला बहुत आसान है। एक महिला से होने वाले
बच्चों की संख्या का औसत ही टोटल फर्टिलिटी रेट या TFR कहलाता है।
कानून का उल्लंघन करने वाले
की चली जाएगी नौकरी |
अगर यह कानून लागू हुआ तो एक वर्ष में सभी सरकारी अधिकारियों–कर्मचारियों, स्थानीय निकाय में चुने जनप्रतिनिधियों को शपथपत्र देना होगा कि वह इसका उल्लंघन नहीं करेंगे।
इसमें सरकारी कर्मचारियों का प्रमोशन रोकने व बर्खास्त करने तक की सिफारिश है
एक से ज्यादा शादियां करने पर क्या है नुकसान?
अगर कोई व्यक्ति एक से अधिक शादियां करता है और सभी पत्नियों को मिलाकर उसके दो से अधिक बच्चे हैं तो वह भी सुविधाओं से वंचित होगा. वहीं अगर महिला एक से अधिक विवाह करती है और अलग–अलग पतियों से मिलाकर दो से अधिक बच्चे होने पर उसे भी सुविधाएं नहीं मिलेंगी।
ये भी पढ़े
योगी आदित्यनाथ के बारे में पढ़े
अनुभव चाय सुट्टा बार वाला की कहानी