Lalu Prasad Yadav biography in hindi | लालू प्रसाद यादव जीवनी
Lalu Prasad Yadav Jivani | लालू प्रसाद यादव जीवनी
लालू प्रसाद यादव का जन्म, शिक्षा, परिवार, बच्चे और राजनीतिक करियर
लालू प्रसाद यादव का
जन्म 11 जून 1947 को बिहार के गोपालगंज जिला के
फूलवरिया गांव में यादव परिवार में हुआ। लालू प्रसाद यादव एक
भारतीय राजनेता हैं जिन्होंने अपने मेहनत के दम पर भारतीय राजनीति में अपना एक पहचान बनाया है लालू ने कई सारे अहम पदों पर कार्य भी किया हुआ है और इनकी पार्टी का नाम RJD राष्ट्रीय जनता दल
है और ये इस पार्टी के अध्यक्ष और फाउंडर भी हैं। साथ ही ये बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री पूर्व रेलवे मंत्री और लोकसभा के पूर्व सदस्य भी रह चुके हैं।
लालू प्रसाद यादव के
अलावा इनकी पत्नी और बच्चे भी राजनीति से जुड़े हुए हैं। इनकी पत्नी राबड़ी देवी भी बिहार की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। और इनके दोनों बेटे भी बिहार के मंत्री पद पर रह चुके हैं।
लालू प्रसाद यादव का संछिप्त परिचय
Short detail of Lalu Prasad Yadav
पूरा नाम |
लालू |
जन्म तिथि |
11 जून 1948 |
जन्म |
फुलवारिया, गोपालगंज, बिहार, भारत |
नागरिकता (Citizenship) |
भारतीय |
शिक्षा |
कला स्नातक |
धर्म |
हिन्दू |
भाषा |
हिंदी और अंग्रेजी Hindi and English |
पेशा (Occupation) |
राजनीतिज्ञ |
पार्टी |
राष्ट्रीय |
कुल संपत्ति (Net |
3.5 करोड़ |
लालू प्रसाद यादव का बोलने की शैली
लालू प्रसाद यादव अपने बोलने की शैली के लिए मशहूर हैं। इसी शैली के कारण लालू प्रसाद भारत सहित विश्व में भी अपनी विशेष पहचान बनाए हुए हैं। अपनी बात कहने का लालू यादव का खास अन्दाज़ है। बिहार की सड़कों को हेमा मालिनी के गालों की तरह बनाने का वादा हो या रेलवे में कुल्हड़ की शुरुआत, लालू यादव हमेशा ही सुर्खियों में रहे। इन्टरनेट पर लालू यादव के लतीफों का दौर भी खूब चला। इनकी रुचि खेलों तथा सामाजिक कार्यों में भी रही है। 2001 में वे बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
लालू प्रसाद यादव का पारिवारिक विवरण
सन् 1948 में पैदा हुए लालू प्रसाद यादव का
नाता बिहार स्टेट के फुलवारिया गांव से है और इसी गांव में इनका शुरूआती जीवन बिता हुआ है.
लालू के
पिता कुंदन राय बेहद ही गरीब हुआ करते थे और वो एक किसान थे. इनकी मां का नाम मराचिया देवी है और वो एक गृहणी हुआ करती थी. लालू अपने माता पिता की कुल छह संतानों में से दूसरी नंबर की संतान है.
लालू प्रसाद यादव सन् 1973 में राबड़ी देवी के
साथ विवाह के बंधन में बंधे थे और इस विवाह से इन दोनों को कुल 9 बच्चे हुए थे, जिनमें से इनके सात बेटियां और दो बेटे हैं
राजनीति से जुड़ा हुआ है लालू प्रसाद का परिवार
राबड़ी देवी एक
भारतीय राजनेता हैं जो कि काफी समय तक अपने राज्य बिहार की सीएम रह चुकी हैं. राबड़ी देवी का नाता भी काफी गरीब परिवार से था और लालू की वजह से ही ये सीएम बन पाने में कामयाब हुई थी
लालू यादव के
बच्चे भी राजनीति से जुड़े हुए हैं और इनके दोनों बेटे अपनी पार्टी का कार्य संभाल रहे हैं.
इनकी सबसे बड़ी बेटी जिनका नाम मीसा है
वो अपर हाउस की सदस्य हैं, जबकि इनकी अन्य बेटियों के विवाह राजनीतिक घरों से ताल्लुक रखने वाले परिवारों में हुए हैं.
लालू
प्रसाद यादव की शिक्षा (Education of Lalu Prasad Yadav)
एक
किसान परिवार में जन्मे लालू प्रसाद के लिए शिक्षा हासिल करना किसी कठिन काम से कम नहीं था. दरअसल जिस गांव में इनका जन्म हुआ था, वहां पर उस समय लोग शिक्षा को लेकर इतने जागरूक नहीं थे साथ ही लालू के माता पिता के हालात भी इतने अच्छे नहीं थे, कि वो अपने सभी बच्चों की पढ़ाई का खर्चा उठा सकें. लेकिन लालू की पढ़ाई में काफी रुचि था और इस रुचि के कारण वो एक शिक्षित व्यक्ति बन पाया
लालू ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव के स्कूल से प्राप्त किया है और उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए ये अपने बड़े भाई के साथ पटना जाकर रहने लगे थे
पटना में जाकर इन्होंने, यहां के बी एन विश्वविद्यालय में दाखिला ले लिया और यहां से इन्होंने बैचलर ऑफ लॉ और पॉलिटिकल साइंस में मास्टर डिग्री प्राप्त किया
अपनी पढ़ाई खत्म करने के बाद लालू पटना के बिहार वेटरनरी कॉलेज से अपने करियर की शुरुआत की थी और इस कॉलेज में इन्हें बतौर एक क्लर्क के रुप में कार्य किया था. इसी कॉलेज में लालू के बड़े भाई भी कार्य किया करते थे और वो एक चपरासी हुआ करते थे
लालू
प्रसाद यादव का कॉलेज के दौरान राजनीतिक करियर
इंडियन पॉलिटिक्स में कदम रखने से
पहले लालू प्रसाद यादव ने अपने कॉलेज में होने वाले कई सारे छात्र चुनावों को लड़ा था और जीता भी था. इन चुनावों को लड़ने के कारण ही लालू को देश की राजनीति में कदम रखने में मदद मिली थी.
साल 1970 में लालू ने
पटना यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन (पीयूएसयू) के महासचिव बनने की लिए चुनाव लड़ा था और इस चुनाव को जीता भी था. इस चुनाव के तीन साल बाद, लालू ने पटना यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन (पीयूएसयू) के अध्यक्ष के लिए भी चुनाव लड़ा था और ये चुनाव भी लालू ने जीत लिया था.
साल 1974 में जय प्रकाश नारायण द्वारा स्टार्ट किए गए
‘बिहार आंदोलन’ में लालू ने हिस्सा लिया था और इसी दौरान लालू को कई भारतीय राजनेताओं से मिलने का मौका मिला.
बिहार आंदोलन की
मदद से ही लालू जनता पार्टी में अपनी जगह बनाने में कामयाब हो सके थे और इस पार्टी के साथ जुड़कर ही इन्होंने अपना राजनीति का सफर शुरू किया था.
लालू
प्रसाद यादव का राजनेता बनने का सफर
साल 1977 में
पहली बार लड़ा चुनाव
जनता पार्टी की
ओर से
लालू को छपरा जिले से पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ने का मौका मिला था और इस चुनाव को लालू ने बेहद ही आसानी से जीत भी लिया था. 6 वीं लोकसभा के लिए साल 1977 में हुए इस चुनाव को लालू ने महज 29 वर्ष की आयु में जीता था और कम आयु में ही लोकसभा का सदस्य बन गए थे. साल 1979 में जनता पार्टी सरकार किन्ही कारणों के चलते गिर गई थी, जिसके बाद लालू प्रसाद यादव ने इस पार्टी को छोड़ दिया था.
जनता दल पार्टी
को किया ज्वाइन
जनता पार्टी को
छोड़ने के बाद लालू प्रसाद यादव जनता दल में शामिल हो गए और इस पार्टी में शामिल होने के बाद लालू ने बिहार विधानसभा के लिए चुनाव लड़ा था.
बिहार असेंबली के
लिए लालू ने इस पार्टी की ओर से साल 1980 में पहली बार चुनाव लड़ा था
और इस चुनाव को जीत भी लिया था. इस दौरान लालू यादव को बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता की भूमिका निभाने का मौका भी मिला था.
लालू प्रसाद
यादव कब पहली
बार मुख्यमंत्री बने थे?
1990 में लालू प्रसाद पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने थे और वो इस पद पर साल 1997 तक बने रहे थे. इसी दौरान किन्ही कारणों के चलते इन्हें अपनी ये पोस्ट छोड़नी पड़ी थी.जिसके बाद इन्होंने बिहार के सीएम की पोस्ट अपनी पत्नी को सौंप दी भारत का सबसे बड़ा घोटाला में से
एक चारा घोटाला में लालू का भूमिका को
लेकर सीबीआई द्वारा कई तरह की जांच की गई और बाद में इन्हें इस घोटाले के चलते गिरफ्तार भी कर लिया गया था लालू प्रसाद यादव के गिरफ्तार होने के बाद उनकी पार्टी ने उन्हें पार्टी से अलग कर दिया था
लालू प्रसाद
यादव ने अपना
पार्टी कब बनाया?
जनता दल
से अलग होने के बाद लालू ने अपना एक पार्टी 5 जुलाई 1997 को बनाया इस
पार्टी का नाम इन्होंने RJD राष्ट्रीय जनता दल
रखा काफी कम टाइम के अंदर ही इस पार्टी ने अपना जगह बिहार के लोगों के दिलों में बना लिया था साल 1998 में 12 वीं लोकसभ के लिए चुनाव में लालू ने मधुपुरा सीट से चुनाव लड़ा था और इस सीट से ये चुनाव जीत भी लिया था. ये चुनाव जीतते ही लालू तीसरी बार लोकसभा के सदस्य बनने में कामयाब हुए थे। लोकसभा चुनावों में लालू की पार्टी का अच्छा प्रदर्शन होने के चलते, इन्हें धीरे धीरे केंद्रीय राजनीति में भी पहचान मिलने लगी थी. लोकसभा का सदस्य बनने के दौरान लालू को लोकसभा द्वारा गठित की गई गृह मामलों की समिति, सामान्य उद्देश्य पर समिति, सूचना और प्रसारण मंत्रालय की सलाहकार समिति का सदस्य भी बनाया गया था।
लालू प्रसाद
यादव कब राज्यसभा के सदस्य बने थे?
साल 2002 में लालू यादव को राज्यसभा के सदस्य बनाने के लिए नॉमिनेट किया गया था और ये साल 2004 तक राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके हैं
लालू की
पार्टी ने साल 2002 में बिहार में हुए असेंबली चुनाव में विजय हासिल की थी और इन्होंने फिर से अपनी पत्नी को इस राज्य का सीएम बना दिया था. हालांकि साल 2005 तक ही लालू की पत्नी इस पद पर बनी रही थी और कन्हीं कारणों के चलते इन्हें अपना ये पद छोड़ना पड़ा था.
लालू प्रसाद
यादव कब रेल मंत्री बने?
साल 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में लालू ने
बिहार की दो सीटों से चुनाव लड़ा था और इन दोनों सीटों पर उन्हें जीत मिली थी. इन चुनावों में लालू की पार्टी ने कुल 21 सीटें जीती थी.
लोकसभा में लालू की
पार्टी को मिली जीत के बाद इन्होंने, कांग्रेस पार्टी को अपना समर्थन दिया था और इस तरह से ये यूपीए में शामिल हो गए थे.
यूपीए पार्टी को समर्थन देने के चलते साल 2004 में लालू को कांग्रेस पार्टी द्वारा रेलवे मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई थी. इस मंत्रालय को लालू ने काफी अच्छे से चलाया था और भारतीय रेलवे को नुकसान से बाहर निकालने के लिए कई सारे कार्य भी किए थे.
लालू प्रसाद यादव ने
जिस तरह से रेलवे मंत्रालय को संभाला था, उसकी तारीफ हर किसी के द्वारा की गई थी.
लालू यादव को
चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध क्यों लगा?
साल 2013 में चारा स्कैम में लालू को
कोर्ट द्वारा दोषी पाया गया, जिसके कारण उनको अगले आने वाले छह साल तक चुनाव नहीं लड़ने दिया जायेगा इस के कारण लालू यादव 2013 से अभी तक कोई भी चुनाव नहीं लड़ पाए हैं
साल 2015 में बिहार असेंबली के
लिए हुए इलेक्शन को लालू के परिवार के सदस्यों द्वारा लड़ा गया और इन चुनावों में लालू और उनकी अलायन्स को जीत भी हासिल हुई.
इस
वक्त लालू अपने अपराधों की सजा जेल में काट रहे हैं और उनकी पार्टी का कार्य उनके बेटों द्वारा संभाला जा रहा है.
लालू
यादव से ज़ुरा कुछ रोचक जानकारी
लालू प्रसाद बचपन में अपने गांव में भैंसे चराया करते थे
और इस वक्त भैंस के खाने से जुड़े ‘चारा घोटाले’ के चलते ही इन्हें जेल जाना पड़ा है
काफी लोग लालू प्रसाद को
अनपढ़ समझते हैं, मगर ऐसा बिलकुल नहीं है और लालू प्रसाद यादव काफी पढ़े हुए व्यक्ति हैं और इनके पास पॉलिटिकल साइंस और लॉ की डिग्री है. साथ ही इनके पास सुप्रीम कोर्ट के बार एसोसिएशन की मेम्बरशिप भी थी.
लालू प्रसाद यादव ने
भारतीय प्रबंधन संस्थान और विश्व की कई प्रसिद्ध यूनिवर्सिटी जैसे हार्वर्ड, व्हार्टन में जाकर वहां के बच्चों को संबोधित भी किया हुआ है.
जिस तरह से
लालू ने रेलवे को नुकसान से निकाला था उस चीज पर प्रतिष्ठित भारतीय प्रबंधन संस्थान द्वारा केस स्टडी की गई थी.
ने
तब कहा था कि उनकी मृत्यु के बाद झारखंड स्टेट बन पाएगा
लालू
यादव के चारा घोटाला विवाद का विवरण
जिस वक्त लालू यादव बिहार के सीएम थे,
उस वक्त इन्होंने चारा घोटाले को अंजाम दिया था. लालू पर आरोप लगे है कि इन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर पशुओं को दिए जानेवाले चारे के नाम पर कई करोड़ रुपए का घपला किया था और करीब 900 करोड़ रुपए सरकारी खजाने से लुटे थे.
इस
स्कैम को लेकर इस वक्त कोर्ट में कई मामले चल रहे हैं और इन्हीं मामलों में से छह मामलों में लालू को अभियुक्त बनाया गया है. इन छह केस में से दो केस में इन्हें अपराधी भी करार दे दिया गया है, जबकि अन्य चार केस में इनकी सुनवाई अभी बाकी है.
चारा स्कैम के
पहले केस में इन्हें पच्चीस लाख रुपए के जुर्माने के साथ 5 साल की सजा सुनवाई गई है. जबकि दूसरे केस में इन्हें 3.5 वर्ष की सजा सुनवाई गई है.
लालू यादव के
भारतीय रेलवे टेंडर घोटाला का विवरण
साल 2005 में लालू और
इनके परिवारवालों पर घूस लेने का आरोप भी लगा था. सीबीआई ने अपनी इंस्पेक्शन में पाया था कि इन्होंने बतौर रेलवे मिनिस्टर रहते हुए कई कंपनियों को रेलवे टेंडर देने के लिए करोड़ रुपए वसूले थे.जिन कंपनियों को ये टेंडर मिले थे उन्होनें लालू और इनके परिवार के सदस्यों को रिश्वत के रूप में कई संपत्ति दी थी. इस वक्त इस मामले में लालू सहित उनकी पत्नी और बच्चों पर केस चल रहा है
लालू यादव बिहार क
जनता के बीच काफी फेमस हैं और इतने सारे आरोपों के बाद भी वो हर बार आसानी से चुनाव जीत जाते हैं. लालू उन राजनेताओं में से है जिन्हें पॉलिटिक्स की अच्छी खासी जानकारी है और इनके इसी अनुभव की मदद से अब इनके बेटे राजनीति में अपनी जगह बनाने में लगे हुए हैं.