बिपिन रावत की जीवनी | first CDS of india | CDS Bipin Rawat Biography-Jivani in hindi
First cds of india Jivani भारत के पहले सीडीएस का जीवन परिचय
बिपिन रावत की जीवनी CDS
Bipin Rawat Biography in hindi, Wife, Daughter, Age and Caste
बिपिन रावत का जन्म 16 मार्च 1958 को देहरादून में हुआ। बिपिन रावत के पिताजी एल एस रावत भी फ़ौज में थे और उन्हें लेफ्टिनेंट जनरल एलएस रावत के नाम से पहचाना जाता था। इनका बचपन फौजियों के बीच ही बीता और इनकी शुरूआती पढाई सेंट एडवर्ड स्कुल शिमला में हुई. उसके बाद उन्होंने इंडियन मिलट्री एकेडमी में एडमिशन लिया और देहरादून चले आये. यहाँ उनकी परफोर्मेंस को देखते हुए उन्हें पहला सम्मान पत्र मिला जो SWORD OF
HONOUR से सम्मानित किया गया था. उसके बाद उन्होंने अमेरिका में पढाई करने का मन बनाया और वो अमेरिका चले गये यहाँ उन्होंने सर्विस स्टाफ कॉलेज में स्नातक किया. साथ में उन्होंने हाई कमांड कोर्स भी किया।
बिपिन रावत को कल तक लोग थलसेना के 27वें प्रमुख के रूप देश जानता था पर अब वे इस पद से रिटायर्ड हो चुके है. उन्हें इससे भी बड़ा पद संभालने के लिए मिला है और भारतीय इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है. बिपिन रावत को देश का पहला CDS अधिकारी यानि चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ बनाया गया है. यह पद आज से पहले किसी को नहीं मिला है. CDS का काम है थलसेना, वायुसेना और नौसेना तीनो के बिच तालमेल बैठाना. सीधे शब्दों में कहूँ तो यह रक्षा मंत्री के प्रमुख सलाहकारों में शामिल होंगे और यह तींनो सेनाओं को निर्देश देंगे हालाँकि इनका काम किसी भी सैन्य एक्टिविटी में दखल देना नहीं है. यह सिर्फ तीनो सेनाओं के बिच तालमेल बैठाने का काम करेंगे. आज हम इस आर्टिकल में बिपिन रावत के जीवन के बारें में बताने वाले हैं।
बिपिन रावत की जीवनी Bipin Rawat Jivani
परिचय बिंदु |
परिचय |
नाम |
बिपिन रावत |
जन्म दिनांक |
16 मार्च 1958 (देहरादून) |
सेवा |
भारतीय सेना में |
पद |
देश के प्रथम CDS अधिकारी |
उम्र |
61 वर्ष |
वैवाहिक स्थिति |
विवाहित |
पत्नी का नाम |
मधुलिका रावत |
जाती (धर्म) (Caste) |
क्षेत्रीय राजपूत (हिन्दू धर्म) |
बच्चे |
2 बेटियां |
राशि |
वृषभ |
भारतीय आर्मी में
शामिल बिपिन रावत
परिचय बिंदु |
परिचय |
आर्मी ज्वाइन कब की |
16 दिसंबर 1978 |
पहली जोइनिंग |
गोरखा बटालियन 5 |
बिपिन रावत अमेरिका
से
लौट
आये
और
उसके
बाद
उन्होंने
आर्मी
में
शामिल
होने
का
मन
बनाया.
उन्हें
अपने
प्रयासों
में
सफलता
16 दिसंबर
1978 में
मिली.
उन्हें
गोरखा
11 राइफल्स
की
5वीं
बटालियन
में
शामिल
किया
गया.
यहीं
से
उनका
सैन्य
सफर
शुरू
हुआ.
यहाँ
बिपिन
रावत
जी
को
सेना
के
अनेक
नियमों
को
सिखने
का
मौका
मिला
और
उन्हें
कैसे
एक
टीम
वर्क
करना
चाहिए
यह
भी
उनके
समझ
में
आया.
बिपिन
रावत
ने
बताया
था
एक
इंटरव्यू
में
की
उनकी
जिंदगी
में
उन्होंने
गोरखा
में
रहते
हुए
जो
सिखा
वो
कहीं
और
सिखने
को
नहीं
मिला
है।
यहाँ
उन्होंने
आर्मी
नीतियों
को
समझा
और
नीतियों
के
निर्माण
में
कार्य
किया.
गोरखा
में
रहते
हुए
उन्होंने
आर्मी
की
अनेक
जैसे
Crops , GOC-C , SOUTHERN COMMAND, IMA DEHRADUN , MILLTERY OPREATIONS
DIRECTORET में LOGISTICS STAFF OFFICER के
पद
पर
भी
काम
किया।
अंतराष्ट्रीय स्तर भी सैन्य सेवाएँ दी
परिचय बिंदु |
परिचय |
अंतराष्ट्रीय स्तर पर |
7000 लोगों की जान बचाई |
देशों में सेवा दी |
नेपाल, भूटान, कजाकिस्तान इत्यादि |
महेंद्र सिंह धोनी का जीवन परिचय
बिपिन रावत ने भारत में ही नहीं अंतराष्ट्रीय स्तर पर भी सेवायें दी है. वे कांगो के UN
Mission के भागीदार थे और उसी वक्त उन्हें अंतराष्ट्रीय स्तर पर सेवायें देने का मौका मिला था. यहाँ उन्होंने 7000 लोगों की जान बचाई थी।
सेना में मिले है अनेक पुरस्कार का विवरान
Anti Vishisht Seva Medal |
विशिस्त सेना मैडल |
Yudh seva medal |
युद्ध सेना मैडल |
बिपिन रावत जी को सेना में रहते हुए सेना में अनेक तरह के पुरस्कार भी मिले हैं. उन्हें युद्ध नीति को सीखते हुए अपने कौशल का सही इस्तेमाल करते हुए आर्मी में अनेक मैडल प्राप्त किये है. उन सभी मैडल का विवरण हम निचे परिचय बिंदु में देने जा रहे हैं. इनके 37 साल के आर्मी करियर में इन्हें अनेक अवार्ड मिले है और उन सभी की लिस्ट बनाना संभव नहीं है।
सेना आर्मी चीफ तक का सफर
परिचय बिंदु |
परिचय |
सेना प्रमुख पद संभाला |
31 दिसंबर 2016 |
सेना प्रमुख पद से इस्तीफा |
31 दिसंबर 2019 |
सेना प्रमुख पद पर सेवायें |
3 वर्ष |
बिपिन रावत जी को सेना का प्रमुख बनाया गया. उन्हें 31 दिसंबर 2016 को दलबीर सिंह सुहाग का उत्तराधिकारी बनाया गया. यह पद बिपिन रावत के जीवन का अहम पद है. इस पद पर आने के बाद उन्हें पुरे भारत में एक खास पहचान मिली और वे भारतीय सेना के 27वें प्रमुख बने. उन्होंने इस पद की कमान 1 जनवरी 2017 को संभाली थी।
देश के पहले CDS अधिकारी बने बिपिन रावत
परिचय बिंदु |
परिचय |
सेना प्रमुख से इस्तीफा |
31 दिसंबर 2019 |
पहले CDS अधिकारी |
1 जनवरी 2020 को कार्य संभाला |
बिपिन रावत ने सेना के प्रमुख पद से 31 दिसंबर 2019 को भारतीय सेना के प्रमुख पद से इस्तीफा दिया और उन्होंने देश के पहले CDS अधिकारी की कमान संभाली. यह पहले वो इंसान है जिसे भारतीय CDS अधिकारी बनाया गया है. CDS यानि चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ अधिकारी होता है जो थलसेना, वायुसेना और नौसेना तीनो के बिच तालमेल का कार्य करता है और रक्षा मंत्री और गृहमंत्री का मुख्य सलाहकार होता है।
बिपिन रावत का लेखन के प्रति प्यार
परिचय बिंदु |
परिचय |
बिपिन रावत के शौंक |
फुटबॉल खेलना एंव लेखन इत्यादि |
बिपिन रावत जी को एक अच्छा लेखक भी कहा जाता है. उनके अनेक लेख पत्रिकाओं में पब्लिश होते है. वह भारतीय राजनीति पर अनेक तरह के कटाक्ष लिखते हैं. अपने लेखन की मदद से बिपिन रावत अपनी बात को लोगों तक पहुँचाने का कार्य करते हैं. आज उनके लेख पूरी दुनिया में पढ़े जाते हैं और बहुत सी ऐसी बातें लिखते हैं, जो भारतीय समाज में अहम भूमिका निभाती है।
बिपिन रावत के सुविचार
बिपिन रावत हमेशा देश के अहम मुद्दों एंव सुरक्षा को लेकर लिखते रहते है. उनकी अनेक ऐसी बातें जो हमें उर्जावान बनाने में काम आती है।
पद कोई भी हो, उसे सही तरीके से निभाने के लिए टीम वर्क बहुत जरूरी है।
उन देशभक्तों की बराबरी हम नहीं कर सकते जो सियाचिन की ठंड में देश की सेवा करते हैं।
देश की सुरक्षा के लिए हम अकेले कुछ नहीं करते, हमारा हर एक सैनिक इसमें भागीदार होता है. इतना ही नहीं देश का हर एक नागरिक देश के लिए कुछ ना कुछ तो जरुर करता है।
बिपिन रावत ने अपनी जिंदगी के अहम 37 वर्ष आर्मी के नाम किये है। अब उनके उपर और भी अनेक जिम्मेदारियां है और अब वह देश के सुरक्षा मंत्री के मुख्य सलाहकारों में से एक हैं। बिपिन रावत जी हमेशा कहते हैं की उन्होंने अकेले कुछ नहीं किया है वह जो भी उनकी टीम की वजह से है. उन्होंने गोरखा बटालियन से शुरुआत की थी उसके बाद उन्होंने आर्मी में अनेक पदों पर कार्यभार संभाला. उसके बाद वे आर्मी चीफ बने, उसके बाद वे भारत के पहले CDS अधिकारी भी नियुक्त हुए हैं।
तमिलनाडु
में कुन्नूर के करीब सेना का हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया जिसमें 8 दिसंबर 2021 सीडीएस
जनरल बिपिन का देहांत हो गया।
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