IIT Chaiwala Jivani | IITian Chaiwala Biography
in hindi | आइआइटियन चायवाला‘ जीवनी
आरा में ‘IITian आइआइटियन चायवाला चार दोस्तों ने मिलकर शुरू किया टी–स्टॉल यहाँ 10 फ्लेवर में मिलती है चाय
आरा में IIT के चार
छात्रों ने मिलकर ‘IITian आइआइटियन चायवाला’
के नाम से टी-स्टॉल शूरू शुरू किया है । IIT
के छात्र रणधीर बताते हैं कि वे लोग पहले एक ही कोचिंग में पढ़ते थे और वहीं से
उनकी दोस्ती हुई उन लोगों ने भविष्य में कुछ ऐसा करने का निर्णय लिया जिससे कुछ लोगों
को रोजगार देकर उन्हें आत्मनिर्भर बना सकें और अपने आप को भी 1 लेबल पर देख सके।
IITian आइआइटियन चायवाला’ के पास 10 फ्लेवर में मिलती है चाय
आईआईटियन चाय दुकान में एक-दो
नहीं, बल्कि 10 फ्लेवर में चाय मिलती है। इनमें, नीबू, आम, सन्तरा, पुदीना, ब्लूबेरी
आदि फ्लेवर की चाय लोग पसंद करते हैं। चाय बना रहे कर्मचारी ने बताया कि 10 रुपये में
यहां कुल्हड़ में चाय मिलती है। चाय देने से पहले वे लोग कुल्हड़ को चूल्हे की आग में
गर्म करते हैं, जिससे इसमें अनोखा स्वाद आ जाता है। स्टॉल पर चाय की चुस्की ले रहे
जिला जदयू के उपाध्यक्ष एवं चर्चित सामाजिक कार्यकर्ता डॉ शशिकांत सक्सेना ने कहा कि
युवाओं में सोच बदल रही है, यह स्टॉल उसी सकारात्मक सोच का नतीजा है। और इन युवाओं
की सोच उनको सब से अलग करती है और इन लोगों की बनाई हुई चाय भी अलग तरह की स्वाद देती
है, तभी तो यहां सुबह से लेकर देर रात तक चाय पीने वालों की भीड़ लगी रहती है
IIT डेटा साइंस का स्टार्टअप है आइआइटियन चायवाला
अब आप सोच रहे होंगे कि टेक्नोलॉजी
के छात्रों का चाय की दुकान से क्या वास्ता? मद्रास आईआईटी में डेटा साइंस में बीएससी
प्रथम वर्ष के छात्र और टी-स्टॉल खोलने वाले रणधीर कुमार बताते हैं ‘यह उनका स्टार्टअप
है। उनके साथ देश के अलग-अलग संस्थानों में पढ़ रहे चार दोस्तों ने रोजगार सृजन के लिए
यह स्टार्टअप शुरू किया। इसमें खड़गपुर आईआईटी में प्रथम वर्ष के छात्र जगदीशपुर के
अंकित कुमार, बीएचयू में पढ़ रहे इमाद शमीम और एनआईटी सूरतकल में पढ़ रहे सुजान कुमार
का आइडिया लगा है।’
कोचिंग में पढ़ाई के दौरान हुई दोस्ती
IIT के छात्र रणधीर बताते हैं कि वे लोग पहले एक ही कोचिंग संस्थान में पढ़ते थे
और वहीं उनकी दोस्ती हुई। उन लोगों ने भविष्य में कुछ ऐसा करने का निर्णय लिया था,
जिससे कुछ लोगों को रोजगार देकर उन्हें आत्मनिर्भर बना सकें। एक टी-स्टॉल में दो से
तीन लोगों को रोजगार मिला है। अभी आरा में एक टी-स्टॉल है और जल्दी यहां बमपाली और बाजार समिति में स्टॉल खुलने वाला
है। एक टी-स्टॉल पटना में बोरिंग रोड पर खोला गया है।
2022 के अंत तक देश में 300 स्टॉल खोलने की योजना बना रहे हैं
उनकी योजना है की साल के अंत तक देशभर में लगभग 300
स्टॉल खोलेंगे। स्टार्टअप को आगे बढ़ाने के लिए वे वित्तीय संस्थानों से मदद लेंगे।
रणधीर बताते हैं कि इस स्टार्टअप से उनकी पढ़ाई बिल्कुल प्रभावित नहीं हो रही है, यह
तो बस एक आइडिया है तो उन लोगों ने धरातल पर उतार दिया, बाकी काम वहां स्टाफ को करना
है। पिता मनोज पांडेय गोपालगंज में बिहार पुलिस में एएसआई हैं और बीच-बीच मे आकर मॉनिटरिंग
करते रहते हैं।
स्टार्टअप को पर्यावरण संरक्षण से जोड़ेंगे
रणधीर बताते हैं कि भविष्य में वे अपने स्टार्टअप
को पर्यावरण संरक्षण से जोड़ेंगे। अभी वे लोग स्टॉल पर किसी तरह का प्लॉस्टिक का इस्तेमाल
नहीं करते हैं और केवल कुल्हड़ में चाय देते हैं। भविष्य में वे लोग उपयोग में लाये
गए कुल्हड़ को हाई प्रेशर पानी से धोने के बाद उसमें पौधा का बीजारोपण कराएंगे और उसे
भी स्टॉल के जरिये काफी कम कीमत पर ग्राहकों को देंगे।
स्टॉल की डिजाइन है खास
टी-स्टॉल की सबसे बड़ी खासियत दुकान की डिजाइनिंग है। केवल 16 वर्ग फीट में पहिये पर
स्टॉल इस तरह से डिजाइन की गई है कि चाय बनाने से लेकर जरूरत का सारा सामान इसमे समा
जाए। केवल कुल्हड़ को गर्म करने के लिए चूल्हा को स्टॉल से अलग रखना पड़ता है।