Prashant Kishor biography in hindi प्रशांत किशोर जीवन परिचय
प्रशांत किशोर बायोग्राफी, जीवनी शिक्षा, Prashant Kishore Biography, Jivani Education,
प्रशांत किशोर का जन्म रोहतास
जिला के कोनार गांव में 20 मार्च 1977
को हुआ। उनके जन्म के कुछ समय बाद उनके पिता उन्हें बक्सर लेकर चले गए। जिसके बाद उनकी
प्रारंभिक शिक्षा बक्सर में पुरी हुई।
 इसके बाद वो इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने हैदराबाद
गए। उनके पिता श्रीकांत पांडे बिहार सरकार में डॉक्टर हैं। उनकी मां बलिया की रहने
वाली हैं। उनकी पत्नी जाह्नवी दास पेसा से Dr हैं। Dr का घर होने के बाद भी उन्हें
उसमें रुचि नहीं थी। इसलिए वो भारतीय राजनीति में आ गए। जिसके लिए उन्होंने सबसे पहले
संयुक्त राष्ट्र में एख सार्वजनिक स्वास्थय विशेषज्ञ के रूप में काम किया। प्रशांत
किशोर के बारे में आज कल सोशल मीडिया पर काफी चर्चाए हो रही है।
Prashant Kishor Jivani प्रशांत किशोर जीवनी
| नाम | प्रशांत किशोर | 
| जन्म | 20 मार्च 1977 | 
| जन्म स्थान | बक्सर, बिहार  | 
| शिक्षा | इंजीनियरिंग | 
| पिता का नाम | श्रीकांत पांडे | 
| पत्नी का नाम | जाह्नवी दास | 
| पेशा | राजनीतिक रणनीतिकार, राजनीतिक सलाहकार, राजनीतिज्ञ | 
| राजनीतिक शुरूआत | 2011 में बीजेपी में शामिल | 
| संपत्ति | लगभग 36.5 करोड़ | 
  प्रशांत किशोर का करियर
अपनी ग्रेजुएशन खत्म करने
के बाद उन्होंने बतौर स्पेशिलिस्ट संयुक्त राष्ट्र के लिए अपना योगदान दिया।
उसके बाद उनकी पहली पोस्टिंग
की गई आंध्र प्रदेश और हैदराबाद वहां काम करने के बाद उन्हें पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम
के लिए बिहार भेज दिया गया।
जब उन्हें बिहार भेजा गया।
उस समय राबड़ी देवी सीएम थी। जिसके बाद उन्हें संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में उन्हें
काम दिया गया।
लेकिन संयुक्त राज्य अमेरिका
में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में काम करने में उन्हें कुछ मजा नहीं आया। इसलिए उन्हें
फील्ड वर्क के लिए भेज दिया गया।
इसके 6 महीने
बाद उन्हें चाड में डिवीजन हेड की पोजिशन दी गई। जहां उन्होंने करीबन 4 साल तक काम
किया।
प्रशांत किशोर का राजनीतिक करियर 
प्रशांत किशोर को कुछ समय
पहले तक कोई नहीं जानता था। किसी को ये भी नहीं पता था कि, प्रशांत किशोर कौन है।
लेकिन जैसे ही 2014 में बीजेपी
की सरकार केंद्र में आई। उसके साथ ही उनकी पहचान भी लोगों के सामने आ गई।
अफ्रीका से संयुक्त राष्ट्र
में अपनी नौकरी छोड़ 2011 में ही उन्होंने नरेंद्र मोदी की पार्टी को ज्वाइन कर लिया।
जिसके बाद वो
नरेंद्र मोदी के चुनावी रणनीतिकार बन गए।
प्रशांत किशोर का नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बारे में जानकारी
चाड में अपना काम पूरा करने
और जिनेवा में शिफ्ट होने के बाद उन्होंने ‘भारत के समृद्ध उच्च विकास वाले राज्यों
में कुपोषण’ के बारे में एक लेख लिखा, जिसमें 4 राज्यों की तुलना की गई थी।
इस लेख में सबसे नीचे नाम
था गुजरात का। जिसके बाद प्रशांत किशोर के पास सीए ऑफिस से फोन आया और उनसे पूछा गया
कि, आप इतने आलोचक क्यों हैं।
बस इसी चर्चा
से जुड़ गया पीएम मोदी और प्रशांत किशोर का साथ। इसके बाद वो इनके साथ जुड़े और उन्होंने
देश के लिए बेहतर काम करने की रणनीति तैयार की।
प्रशांत किशोर के चुनावी अभियान 
प्रशांत किशोर का सबसे पहला
और सबसे बड़ा चुनावी अभियान गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी को विधानसभा सीट के लिए मदद
करना था।
2014 में उन्होंने बीजेपी
की मदद लोकसभा सीट जीतने के लिए की। जिसके बाद पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में
आई।
जिसके बाद वो विज्ञापन अभियान,
चाय पे चर्चा, 3 डी रैलियां, रन फॉर यूनिटी, मंथन और सोशल मीडिया कार्यक्रम शामिल हुए।
2015 में बीजेपी को बिहार
में जीत दिलाने में भी प्रशांत किशोर का सबसे महत्वपूर्ण कदम रहा है।
उन्होंने 2017 में पंजाब
विधानसभा में कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार कैप्टन अमरिंदर सिंह की मदद की। जिसके बाद
वो सीएम बने।
जिसके बाद उन्हें कांग्रेस
पार्टी में नियुक्त किया गया। लेकिन वो काम नहीं किया और पार्टी हार गई।
2019 में उन्हें वाईएस जगनमोहन
रेड्डी के राजनीतिक सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया था। जिसके बाद उन्होंने पार्टी
की छवि ही बदल दी और भारी बहुमत के साथ पार्टी ने जीत हासिल की।
2020 में वो बतौर आम आदमी
पार्टी के राणनीतिकार बने। जिसके बाद दिल्ली विधानसभा में पार्टी ने जीत हासिल की।
2021 में उन्हें अखिल भारतीय
तृणमूल कांग्रेस के सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया था। पार्टी ने इस बार भारी
बहुमत से जीत हासिल की।
2021 में उनकी नियुक्ती तमिलनाडु
विधान सभा चुनाव के लिए की गई। जिस पार्टी के वो रणनीतिकार बने वो पार्टी भारी बहुमत
से जीत गई।
2021 में तमिलनाडु विधानसभा
चुनाव के बाद उन्होंने घोषणा की, मैं अब चुनावी रणनीतिकार से इस्तीफा ले रहा हूं।
एक इंटरव्यू
में उन्होंने कहा की, अब मुझे विश्राम चाहिए। इसलिए मैं इसको छोड़ रहा हूं।
प्रशांत किशोर से ज़ुरा ताज मुद्दा
प्रशांत किशोर को
कांग्रेस ने पार्टी में शामिल होने का प्रस्ताव दिया था। जिसको उन्होंने मना कर दिया है। दरअसल ये प्रस्ताव उन्हें 2024 के चुनाव के लिए दिया गया था।

