कुंज बिहारी मिश्रा (गायक) का जीवन परिचय | Kunj Bihari Singer
Biography in Hindi
कुंज बिहारी
मिश्रा (गायक) का जीवन | Kunj
Bihari Singer Biography in Hindi
कुंज बिहारी मिश्रा बिहार के सबसे
पुराने लोक गायकों में से एक हैं। वह मैथिली गाना और भजन गाते हैं तथा बहुत सारे स्टेज
शो भी करते हैं। उनका यू ट्यूब वीडियो चैनल बहुत लोकप्रिय है। उनकी ताकत उच्च स्वर
में गा रही है और उन्हें मिथिला संस्कृति और परंपरा का गहरा ज्ञान है। वास्तव में कुंज
बिहारी मिश्रा एक मिथिला आदमी की तरह दिखते हैं जो उनके गायन में अधिक विश्वसनीयता
लाता है। मैथिली भजन में उनका मैथिली भजन जय जय भैरवी है। मैथिली लोकगीत में वे मुख्य
रूप से मिथिला और मिथिला भजन के बारे में समृद्ध संस्कृति और विरासत गाते हैं उनका
जय जय भैरव बहुत स्कूल में प्रार्थना के रूप में भी गाया जाता है। पुरे मिथला बासी
इनको बहुत पसंद करते हैं। इनका मैथिली विवाह गीत राम विवाह बहुत लोकप्रिय है यह खासकर मिथला के हर विवाह में बजाया जाता
है।
कुंज
बिहारी मिश्रा द्वारा श्री उग्रतारा सांस्कृतिक महोत्सव का विवरण
श्री उग्रतारा सांस्कृतिक महोत्सव के पहले दिन शाम
को सांस्कृतिक कार्यक्रम में मैथिली गीत संगीत का श्रोताओं ने भरपूर आनंद उठाया। मिथिला
गौरव सम्मान से सम्मानित सुप्रसिद्ध गायक पंडित कुंज बिहारी मिश्र चर्चित गायिका जूली
झा तथा हास्य कलाकार रामसेवक ठाकुर ने अपनी प्रस्तुति से घंटों श्रोताओं का भरपूर मनोरंजन
किया। मैथिली मंचों पर देश हीं नही बल्कि नेपाल में भी परचम लहरा चुके कुंज बिहारी
ने कार्यक्रम की शुरुआत विद्यापति रचित भगवती गीत से की। इसके बाद मिथिला गौरव गीत
अछि बास हमर मिथिलानगरी.., मिथिला के मैथिल मस्त मस्त. सिया सुकुमारी मिथिला के दुलारी
शिव नचारी छोट छोट रोड़ी गड़य यै. गाकर मिथिला मैथिली की सुमधुर कला का प्रदर्शन किया।
टूटल धागा गुथल मोती, पोस पालि बेटी कें किया मारय छि सहित 6 मैथिली फिल्मों में गा
चुके गीतकार, संगीतकार और गायक कुंज बिहारी ने नव कनिया जकां चलय छि अहां…, मुखड़ा
पर तिलवा कमाल ठोड़ अड़हुल सेनुरिया लाल, सुधबुध सब बिसरि तुझसे नयना मिलाय के हेरे सखी
मोरा पिया घर आये. आप मालिक मेरे मैं गुलाम आपका आदि कई गाने गाकर दर्शकों का खूब मनोरंजन
किया।
मैथिली
के हास्य कलाकार रामसेवक ठाकुर ने भी अपनी प्रस्तुति से लोगों को लोटपोट किया। उन्होंने
कुंजबिहारी के साथ गीत गाकर भी लोगों की तालियां बटोरी। इससे पूर्व मैथिली की चर्चित
गायिका जूली झा ने अपने कार्यक्रम के दौरान जग में जतय उगय पहिल बेर सुरुजदेव.. गाकर
मिथिला की समृद्धशाली परंपरा का सुंदर चित्रण किया। जूली ने को रे मास बांस हरियाय
गेलय रे.., जोगिये बनय के रहय तें कथि लय बियाहलक.., नय इनार पर नहायब नय आंगन मे नहायब..,
तोहरे भरोसे ब्रह्म बाबा .., लेके आइबे राजाजी सानिया मिर्जा बला नथुनिया.. और छोड़ू
छोड़ू नय सैंया भोर भ गेलय गाकर श्रोताओं की वाहवाही लूटी
कुंज
बिहारी मिश्रा द्वारा कार्यक्रम का विवरण
हसनपुर में महाशिवरात्रि
के अवसर पर प्रखंड क्षेत्र के पटसा गांव में नवनिर्मित सर्वेश्वर धाम मंदिर में शिव
पार्वती नंदीकार्तिकेय आदि भगवान की प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर भजन संध्या का आयोजन
कुंज बिहारी मिश्रा के द्वारा किया गया।
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मिथिलारत्न कुंज बिहारी
के एक से बढकर मैथिली भक्ति गीतों से श्रोता भक्ति रस में जुमने लगे। ‘नगरी आई धन्य
भ गेल’ एक तरफ माता जनक नंदनी जानकी जी के आशीर्वाद तथा दूसरी तरफ बाबा भोले नाथ (सर्वेश्वर
नाथ) विराजमान हो गये। वहां पर उपस्थित सभी श्रद्धालुओं को पूरी रात ताली बजाने पर
मजबूर करते रहे। इससे पूर्व कुंज बिहारी ने अपने संबोधन में कहा कि बाबा सर्वेश्वरनाथ
के आशीर्वाद से पटसा नगरी तीर्थ स्थल में परिणत हो गई। जिस कारण यहां के नर-नारी भक्तिमय
वातावरण से ओतप्रोत हो गए हैं। मिथिलारत्न कुंज बिहारी कहा कि यहां एक से बढ़ कर एक
धर्मसभा, सत्संग, अनुष्ठान, गीत-संगीत, सोहर, नचारी जिसमें महान प्रकांड विद्वान जगतगुरू
शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज, पंडित विदेश्वर झा और विद्वान मंडली की उपस्थिति
और उनके सुंदर वचन से पशु-पक्षी भी झूम रहे हैं। आखिर यह सब बाबा औघड़ दानी शिवशक्ति-
समा युक्ति के कृपा से ही सफल हो पाया। बता दें कि महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर प्राण
प्रतिष्ठा अनुष्ठान के बाद शिव पार्वती विवाह का आयोजन वैदिक रिवाज से किया गया। तत्पश्चात
श्रृंगार और आरती का आयोजन किया गया। इस मौके पर विधान पार्षद सर्वेश कुमार सिंह पूर्व
विधायक राजकुमार राय, विजय यादव, संजीव कुशवाहा, राम किशोर राय, मुखिया बिदु देवी,
प्रो. वासुकीनाथ झा, प्रोफेसर श्यामानंद झा, पंडित श्रीराम झा, ज्योतिरनाथ मिश्र, सत्यनारायण
मिश्रा, मुरारी कुमार झा, राकेश कुमार झा, विदुर जी झा, विवेकानंद मिश्रा, बैजनाथ झा,
किशोरी मिश्रा, गोपाल जी चौधरी, गोपाल जी झा, डॉ. विमल राय, गौरी शंकर, सुमित मिश्रा,
घनश्याम झा, विजय कुमार मिश्रा, शिव नाथ मिश्रा, विजय मिश्रा, ललन कुमार झा, देवेंद्र
प्रसाद सिंह आदि उपस्थित थे।
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