Mithila Rajya Kya Hai | मिथिला राज्य आंदोलन क्या है
Mithila Rajya Demand: मिथिला के लोगो को एक अलग मिथिला राज्य की मांग है।
मिथिला प्राचीन भारत में एक राज्य था। मिथिला वर्तमान में एक सांस्कृतिक क्षेत्र है जिसमे बिहार के तिरहुत, दरभंगा, मुंगेर, कोसी, पूर्णिया और भागलपुर प्रमंडल तथा झारखंड के संथाल परगना प्रमंडल के साथ साथ नेपाल के तराई क्षेत्र के कुछ भाग भी शामिल हैं।
हम बात करेंगे मिथिला राज्य आंदोलन
क्या है क्यों मिथिला के लोगो को चाहिए एक अलग राज्य आज हम इस आर्टिकल की मदद से जानेंगे।
मिथिला राज्य आंदोलन के बारे में जानकारी इसके लिए इस आर्टिकल को पुरा अंत तक पढे।
मिथिला के लोगो का मांग है की मिथिला को 1 राज्य का दायरा
मिले जिसके लिए लोग काफी लंबे समय से मांग कर रहे है एमएसयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आदित्य
मोहन ने कहा की विडंबना यह है कि मैथिली को आठवीं अनुसूची में शामिल किए हुए कई साल
हो गए। लेकिन मिथिला में अभी तक मैथिली में पढ़ाई की शुरुआत नहीं हुई है। मिथिला में
न तो कोई नई यूनिवर्सिटी खोली गई और न ही आज स्कूल, कॉलेजों में पर्याप्त शिक्षक हैं।
यही वजह है कि अब अलग मिथिला राज्य की मांग जोर पकड़ने लगी है।
गोपाल जी ठाकुर MP का बायोग्राफी
एमएसयू के फाउंडर
अनूप मैथिल बोले और कहा की मिथिला की उपेक्षा किसी से छिपी नहीं है
लोगों का कहना है कि भीख नहि अधिकार चाही, हमरा मिथिला
राज चाही। मिथिला स्टूडेंट यूनियन (MSU) के आह्वान पर जंतर-मंतर पर उपस्थित हजारों
की संख्या में मैथिल एक सुर से यह नारा लगाते देखे गए। मिथिला की लगातार हो रही उपेक्षा
को देखते हुए मैथिलों के बीच अब अलग मिथिला राज्य को लेकर मांगें तेज (Mithila
Separate State Demand) होने लगी हैं। आंदोलन में दिल्ली-एनसीआर में रह रहे मैथिलों
के अलावा बिहार और देश के दूसरे हिस्सों से भी काफी संख्या में आकर मैथिलों ने इसमें
हिस्सा लिया। यह संभवत पहली बार है जब मिथिला राज्य के आंदोलन में दिल्ली की सभी मैथिल
संस्थाओं ने एकजुट होकर अपना योगदान दिया। कई राजनीतिक हस्ती भी मंच पर देखे गए जिसमें
आम आदमी पार्टी के विधायक ऋतुराज झा और पूर्व सांसद महाबल मिश्रा प्रमुख रहे।
अचानक से किस लिए तेज हुई मिथिला राज्य की मांग
एमएसयू के फाउंडर अनूप मैथिल ने कहा कि मिथिला की उपेक्षा
आज किसी से छिपी हुई नहीं है। आज मिथिला में एक भी उद्योग नहीं है। जो भी पुराने उद्योग
थे, चाहे वह चीनी मिल हो, जूट मिल हो सभी को बंद कर दिया गया है। आज मिथिला की पहचान
देश के दूसरे हिस्सों के लिए मजदूर उपलब्ध कराना रह गया है। देश के किसी भी हिस्से
से सबसे ज्यादा पलायन मिथिला से ही हो रहा है। इसकी सबसे बड़ी वजह मिथिला में रोजगार
की कमी है। इसलिए हमारी मांग है कि हमें अलग राज्य का दर्जा देकर हमारा भी विकास किया
जाए।
MSU के अध्यक्ष बोले सुविधाओं का बहुत अभाव है।
इस दौरान एमएसयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आदित्य मोहन ने कहा
की विडंबना यह है कि मैथिली को आठवीं अनुसूची में शामिल किए हुए आज कई साल हो गए। लेकिन,
मिथिला में आज तक मैथिली में पढ़ाई की शुरुआत नहीं हुई है। मिथिला में न तो कोई नई
यूनिवर्सिटी खोली गई है और न ही आज स्कूल, कॉलेजों में पर्याप्त शिक्षक हैं। ना केवल
बिहार सरकार बल्कि केंद्र सरकार का भी मिथिला के प्रति सौतेला व्यवहार रहा है जो कि
आज किसी से भी छिपा हुआ नहीं है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण दरभंगा में एम्स निर्माण की
घोषणा है। घोषणा के बावजूद आज तक इस दिशा में कार्य में कुछ भी प्रगति नहीं हुई है।
दरभंगा एयरपोर्ट का भी कमोबेश यही हाल है। यहां सुविधाओं के नाम पर घोर अभाव है। यह
सब पक्षपात के तहत किया जा रहा है। यही वजह है कि अब अलग मिथिला राज्य की मांग जोर
पकड़ने लगी है।
मिथिला राज्य के
लिए आंदोलन कब से चलता आ रहा है
अलग मिथिला राज्य के लिए आंदोलन आज से नहीं लगभग 100 साल से हो रहा है। हाल फिलहाल
बने किसी अन्य राज्य के गठन से पहले से ही इसकी मांग होती रही हैं। सबसे पहले 1922
में तत्कालीन दरभंगा महाराज रामेश्वर सिंह ने अलग मिथिला राज्य की मांग की थी। तब से
लेकर अब तक समय-समय पर यह मांग उठती रही है। हालांकि पूर्व में इसके लिए आंदोलन छिटपुट
रही हैं। लेकिन, अब एकजुट आंदोलन होने से इसकी मांग ने जोर पकड़ ली है।
मिथिला कहां स्थित है?
मिथिला प्राचीन भारत में एक राज्य
था। मिथिला वर्तमान में एक सांस्कृतिक क्षेत्र है जिसमे बिहार के तिरहुत, दरभंगा, मुंगेर,
कोसी, पूर्णिया और भागलपुर प्रमंडल तथा झारखंड के संथाल परगना प्रमंडल के साथ साथ नेपाल
के तराई क्षेत्र के कुछ भाग भी शामिल हैं।
मिथिला में कितना जिला आता है?
जानकारी से अनुसार बिहार के मिथिलांचल
में ऐसे तो 16 जिले माने जाते हैं, लेकिन इस शब्द के साथ मन में जो क्षेत्र की तस्वीर
उभरती है, उनमें दरभंगा और मधुबनी जिले पहले आते हैं. लोकसभा क्षेत्र के लिहाज से देखें
तो यह तीन हिस्सों में है. दरभंगा, मधुबनी और झंझारपुर
मिथिला क्षेत्र का मुख्य भोजन क्या है?
मुख्य भोजन भट्ट (उबला हुआ चावल),
है दाल , रोटी , Tarkari और अचार , चावल, दाल, गेहूं का आटा, सब्जियों, और अचार से
तैयार किया। पारंपरिक खाना पकाने का माध्यम सरसों का तेल है।
रामायण में मिथिला क्या है?
मिथिला (आईएएसटी: मिथिला, जिसे
मिथिलांचल, तिरहुत और तिरभुक्ति के नाम से भी जाना जाता है) भारतीय उपमहाद्वीप में
स्थित एक भौगोलिक और सांस्कृतिक क्षेत्र है । इसमें भारत के बिहार के कुछ हिस्से और
नेपाल के पूर्वी तराई के आसपास के जिले शामिल हैं।
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