Wonder Girl Janhavi Panwar
Biography in hindi | वंडर गर्ल जान्हवी पंवार की जीवन परिचय
kaun hai india wonder girl कौन
है इंडिया वंडर गर्ल
हरियाणा की जान्हवी पंवार के आगे अंग्रेज भी अंग्रेजी बोलना छोड़ दे चलिये जानते हैं भारत की वंडर गर्ल के बारे में जिन्होंने मात्रा
13 साल की उम्र में 8 भाषाएँ सिख ली.
हरियाणा की जान्हवी पंवार कैसे बन गईं वंडर गर्ल चलिये जानते हैं इनके बारे में
13 साल की जान्हवी को दुनिया वंडर गर्ल ऑफ़ इंडिया के नाम से जानती है. 9 एक्सेंट्स में बात करनेवाली प्रभावी मोटिवेशनल स्पीकर और एक साथ दो–दो क्लास पास करनेवाली हरियाणा की जान्हवी अंतर्राष्ट्रीय न्यूज़ एंकर बनना चाहती हैं. एक इंटरव्यू के दौरान वे जिस आत्मविश्वास के साथ सवालों का जवाब दे रही थीं, वह उनकी क़ाबिलियत को दर्शा रहा था. जान्हवी अपनी अंग्रेज़ी और अलग–अलग एक्सेंट्स (बोलने का लहज़ा) सीखने के सफ़र के बारे में पूरे इत्मीनान से बताती हैं मैंने 9 साल की उम्र में ब्रिटिश और अमेरिकन एक्सेंट्स में बात करना सीखा. आज मैं चार लैंग्वेजेस और 9 एक्सेंट्स में बात कर सकती हूं. शुरू–शुरू में जब मैंने अंग्रेज़ी सीखी, तो लोगों ने कहा कि अंग्रेज़ी बोलना कोई बड़ी बात नहीं. आगे चलकर मैं बीबीसी और सीएनएन देखना शुरू किया. मुझे उनका एक्सेंट काफ़ी आकर्षित करता था. वैसे तो मैं बचपन से अंग्रेज़ी स्कूल में थी, लेकिन लोकल इंग्लिश स्कूल में टीचर्स आमतौर पर स्थानीय भाषाओं में बात करते हैं. उन्हें हिंदी तक ठीक से नहीं आती थी, तो अंग्रेज़ी दूर की कौड़ी है.
भारतीय भाषाएं और एक्सेंट्स सीखने के बारे में जान्हवी कहती हैं मैंने बीच में बंगाली सीखना शुरू किया था, लेकिन परीक्षाओं की वजह से पूरा नहीं कर पाई. 3-4 बार भगवद्गीता पढ़ने की वजह से थोड़ी–बहुत संस्कृत आती है. वैसे सच कहूं, तो मेरी रुचि भारतीय एक्सेंट और भाषा में नहीं है.
जान्हवी पंवार को वंडर गर्ल का टैग कैसे मिला. How did Janhavi Panwar get the tag of
Wonder Girl?
जान्हवी को वंडर गर्ल का टैग
एक न्यूज़ चैनल ने दिया और फिर बाक़ी भी इसे इस्तेमाल करने लगे और इस तरह से जान्हवी
पूरी दुनिया के लिए वंडर गर्ल बन गईं. “जान्हवी का जनरल नॉलेज काफ़ी अच्छा था. इसलिए
उन्हें News चैनल्स बुलाते थे. लेकिन तब उन्हें एक्सेंट के बारे में भी पता लगा. उन्होंने
इंटरव्यू जनरल नॉलेज से हटकर एक्सेंट्स पर किया. और पहली बार उस प्रोग्राम में ऐंकरिंग
की. फिर यह सिलसिला चल निकला और मुझे वंडर गर्ल ऑफ़ इंडिया का टाइटल मिल गया. कुछ यादगार
लम्हों में से जान्हवी के लिए वह लम्हा बेहद ख़ास था, जब 13 साल की उम्र में उन्हें
बीबीसी पर एक शो करने के लिए आमंत्रित किया गया था. “शो के बाद मैंने वहां मौजूद एक
वरिष्ठ पदाधिकारी से कहा कि मैं बीबीसी में नौकरी करना चाहती हूं, तो उन्होंने पूरी
गर्मजोशी से कहा कि यू आर ऑलरेडी हायर्ड. (तुम्हें चुन लिया गया है). उस पल जो ख़ुशी
मैंने महसूस की थी, आप उसका अंदाज़ा नहीं लगा सकते.
जान्हवी पंवार कैसे इस मुकाम तक पहुंची How did Janhavi Panwar
reach this point?
जान्हवी का कहना है कि नियमित
प्रैक्टिस ने मुझे इस मुकाम तक पहुंचाया मैं शुरू में जब एक्सेंट्स सीख रही थी, तो पहले वीडियो देखकर फिर एक–दो घंटे बोलकर प्रैक्टिस करती थी. मैं एक साथ दो चैनल्स को फ़ॉलो करती हूं. एक में ब्रिटिश और एक में अमेरिकन एक्सेंट होता है. मैं दोनों को देखकर उनकी बातों को उन्हीं के एक्सेंट में दोहराती हूं. कई बार आईने के सामने तो कई बार अपने पैरेंट्स के सामने प्रैक्टिस करती हूं. मैं शुरू से नॉवेल बहुत पढ़ती थी. रात बारह–एक बजे तक पढ़ती रहती थी. फिर पापा मेरे लिए मोटिवेशनल बुक्स ले आए, जिसमें कहानी के फ़ॉर्मेट में अच्छी और प्रेरक बातें कही गई थीं. इन किताबों ने मुझे और आकर्षित किया,” कहते हुए अपनी आजकल की दिनचर्या के बारे में बताती हैं जान्हवी आजकल मैं हर सुबह 8.30 बजे लाइब्रेरी आती हूं और शाम 8.30 बजे वहां से निकलती हूं. मेरी कोशिश होती है कि मैं हर रोज़ कम से कम एक किताब तो ख़त्म करूं. फ़िलहाल मैं जैपनीज़ और फ्रेंच लैंग्वेज पर भी थोड़ा ध्यान दे रही हूं और वह मैं ऑनलाइन करती हूं.” जान्हवी अपने मम्मी–पापा को अपना सबसे बड़ा सपोर्ट सिस्टम बताती हैं. उनके पिता ने ही उन्हें एक्सेंट्स की इस दुनिया में प्रवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया. जान्हवी के पिता बृजमोहन पंवार को अपनी बेटी को एक्सेंट्स की दिशा में सोचने के लिए प्रोत्साहित करने की प्रेरणा मिली भारत कोकिला सरोजनी नायडू से. वे बताते हैं, सरोजनी नायडू ने 12 वर्ष की उम्र में नाटक लिख लिया था. वे उस ज़माने में अंग्रेज़ी में कविताएं लिखती थीं, तो मुझे लगा कि आज के आधुनिक युग में मेरी बेटी ऐसा कुछ क्यों नहीं कर सकती?
जान्हवी पंवार
की विशेषता Features of Janhavi Panwar
भारत के एक छोटे से गांव की लड़की अच्छे-अच्छों पर भारी
पड़ रही है. वो न सिर्फ फर्राटेदार अंग्रेजी बोलती है बल्कि 9 भाषा बोल सकती है. इन्होंने
सोशल मीडिया पर तहलका मचाया हुआ है. इस लड़की को लोग वंडर गर्ल बोल रहे हैं.
छोटी उम्र में बड़ा कमाल क्या
आपने कभी सुना है कि किसी ने फर्राटेदार अंग्रेजी बोलकर अंग्रेजों की बोलती बंद कर
दी हो. भारत के एक छोटे से गांव की लड़की अच्छे-अच्छों पर भारी पड़ रही है. वो न सिर्फ
फर्राटेदार अंग्रेजी बोलती है बल्कि 8 भाषा बोल सकती है. जब वो अंग्रेजी बोलने पर आती
है तो बड़े-बड़ों की बोलती बंद हो जाती है. हरियाणा के समालखा के मालपुर गांव की रहने
वाली 13 साल की जाह्नवी पंवार 8 भाषाएं बोल सकती है. इन्होंने सोशल मीडिया पर तहलका
मचाया हुआ है. इस लड़की को लोग वंडर गर्ल बोल रहे हैं. आइए जानते हैं क्यों
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जान्हवी को क्यों कहते हैं वंडर गर्ल why Janhavi
is called wonder girl
जाह्नवी ने मात्र 13 साल की उम्र में 12वीं पास कर चुकी हैं
हरियाणवी, हिंदी, ब्रिटिश, अमेरिकन, फ्रेंच, जापानी और चीनी भाषा बोलने और समझने में सक्षम हैं.
जाह्नवी अमेरिकन और ब्रिटिश भाषा में टीवी एंकर की तरह न्यूज पढ़ लेती हैं.
8 राज्यों के आईएएस अफसरों को 12 साल की जाह्नवी संबोधित कर चुकी हैं.
1 साल के अंदर दो कक्षाएं पास कर के 13 साल की उम्र में की 12वीं पास कर चुकी हैं.
जान्हवी पंवार
ने कैसे सीखी इतनी भाषाएँ How did Janhavi Panwar learn so many languages?
जाह्नवी जब दो साल की थीं तो उनके पिता उनको फल–सब्जी, जानवरों के नाम उन्हें अंग्रेजी में सिखाया करते थे. तब से ही जाह्नवी की अंग्रेजी बोलने की शुरुआत की. जिसके बाद हर बार वो इंटरनेट पर अलग–अलग भाषा के वीडियो क्लिप देखकर भाषाएं सीखने लगी और उन्हें 8 भाषाओं का ज्ञान प्राप्त हुआ. अमेरिकन और ब्रिटिश एक्सेंट सीखने के लिए वो अंग्रेजी न्यूज सुना करती थीं. वो 12वीं पास कर चुकी हैं अब उनका मकसद IAS बनना है. वो लोगों से अंग्रेजी में ही बात किया करती थीं. जिसके बाद धीरे–धीरे वो पूरी तरह अंग्रेजी सीख गईं.
जान्हवी पंवार
की मोटिवेशनल स्पीकिंग Motivational Speaking of Janhavi Panwar
जान्हवी आईआईटी के स्टूडेंट्स
से लेकर कई बड़ी संस्थाओं में मोटिवेशनल स्पीचेस दे चुकी हैं. हमने जब उनसे पूछा कि
क्या चीज़ थी, जो आपको हार नहीं मानने देती, तो उन्होंने जवाब दिया,“आप एक बार असफल
होंगे, दो बार होंगे तीसरी बार आपके पास इतना अनुभव होगा कि आपको कोई असफल ही नहीं
कर पाएगा.” आप उनकी इस सोच से ही अंदाज़ा लगा सकते हैं कि उनका मन कितनी सकारात्मकता
से भरा हुआ है. अपनी इसी सकारात्मकता का इस्तेमाल वे दूसरों को प्रेरित करने के लिए
करती हैं. वे कहती हैं,“दरअस्ल, मैंने एक्सेंट सीखने के लिए टोनी रॉबिन्स, ज़िग ज़िगलर
और निक विज़िक के वीडियोज़ देखना शुरू किए थे. मैंने देखा कि वे हर वीडियो में मोटिवेट
करने के लिए किताबें पढ़ने पर ज़ोर देते थे. मैंने उनके द्वारा बताई गई किताबें पढ़ी
और तब मैं काफ़ी प्रोत्साहित महसूस करती थी. मुझे लगा, जब मैं किसी से इतनी प्रेरित
हुई हूं, तो मुझे भी दूसरों को इस बारे में बताना चाहिए. लेकिन मेरे मामले में लोगों
को मेरी मोटिवेशनल बातों के साथ-साथ मेरी कहानी भी सुननी होती है, तो इसलिए मैं अपनी
कहानी और मोटिवेशनल बातों का कॉम्बिनेशन कर लोगों को सुनाती हूं. मैंने आजतक पेपर लेकर
स्टेज पर नहीं बोला. क्योंकि मैं जो कुछ भी कहती हूं, वह दिल से कहती हूं. छह साल की
उम्र में पहली बार मैं स्कूल में ऐंकरिंग कर रही थी. इसलिए बचपन से स्टेज फ़ियर तो
मुझे कभी रहा ही नहीं.
भीड़
से अलग होना भी एक चुनौती है
स्कूल, कॉलेज में कोई स्टूडेंट
जब कुछ अलहदा पहन-ओढ़ कर भी आ जाए तो लोग उसे चिढ़ाने से बाज़ नहीं आते, फिर तो जान्हवी
तो अंग्रेज़ी वह भी विदेशी एक्सेंट में बात करती थीं. उनके लिए यह काफ़ी मुश्क़िल था.
“शुरुआत में जब मैं स्कूल में विदेशी एक्सेंट में बात करती, या मेरे मुंह से अलग एक्सेंट
निकल आता तो लोग चिढ़ाते थे. छोटे शहरों में स्कूलों में इस तरह करना लोगों को शो ऑफ़
करने जैसा लगता था. ऊपर से मैं अकैडमिक में अच्छी नहीं थी. बचपन से ही मैं न्यूज़ चैनल्स
और अख़बारों में आने लगी थी, तो वे मुझे चिढ़ाते थे कि तुम पढ़ाई में तो अच्छी नहीं
हो, फिर भी टीवी पर आती हो. मैं अपने से बड़े बच्चों के बीच पढ़ाई करने लगी, क्योंकि
मैं एक साथ दो-दो क्लास पास करने लगी थी. तो आज भी मैं 15 की हूं, तो वे 19 के. इससे
मेरे स्कूल या कॉलेज में कोई ख़ास दोस्त नहीं थे, क्योंकि हमारी मानसिकता मैच नहीं
करती. हमारी बातें भी अलग होती हैं. हां, मेरे मोहल्ले में मेरे कई अच्छे दोस्त हैं
और फिर मैं जॉइंट फ़ैमिली में हूं, तो कई कज़न्स हैं, जिनके साथ मुझे समय गुज़ारना
अच्छा लगता है.
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