Yogi Adityanath
Biography in Hindi | योगी आदित्यनाथ का जीवन परिचय
योगी आदित्यनाथ का जीवन परिचय, पूरा नाम, इतिहास, पत्नी का नाम, वाइफ, क्रिमिनल हिस्ट्री, पर्सनल कांटेक्ट नंबर, भाई, परिवार, शिक्षा, सैलरी, [Yogi Adityanath Biography in Hindi] (Age, Full Name, News,
Wife, Status, Caste, Contact Number, Election 2022)
योगी आदित्यनाथ जी का नाम तो कई बार सुर्खियों में रहा है लेकिन
सबसे ज्यादा उनको सुर्खियों में तब देखा गया जब उनका नाम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री
के रूप बीजेपी के द्वारा घोषित किया गया था और वो साल था 2017। 19 मार्च 2017 के दिन योगी जी यूपी के मुख्यमंत्री
के रूप में शपथ लिया था। योगी आदित्यनाथ जी ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) की तरफ से
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की कमान अपने हाथों में लिया था। सबसे पहले उन्होंने 1998
में भारत के बारहवें लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज कर सबसे कम उम्र में सांसद के रूप में
शपथ लिया था। तब उनकी उम्र केवल 26 वर्ष थी।
योगी आदित्यनाथ बायोग्राफी
(Yogi Adityanath Jivani)
असली नाम (Real Name) |
अजय सिंह बिष्ट |
प्रचलित नाम |
योगी आदित्यनाथ |
निक नेम |
योगी जी |
पेशा |
भारतीय राजनीतिज्ञ, धार्मिक मिशनरी |
राजनीतिक दल |
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) |
जन्म |
5 जून |
जन्मस्थान |
पंचुर जिला, पुरी गढ़वाल, उत्तराखंड, भारत |
उम्र |
50 साल |
राष्ट्रीयता |
भारतीय |
धर्म |
हिन्दू (नाथ संप्रदाय) |
जाति |
ठाकुर |
गृहनगर |
गोरखपुर, उत्तरप्रदेश, |
स्कूल |
पुरी प्राइमरी स्कूल, उत्तराखंड |
कॉलेज |
गढ़वाल यूनिवर्सिटी, |
शैक्षणिक योग्यता |
गणित में स्नातक (बीएससी) |
अध्यात्मिक गुरु |
महंत अवैद्यनाथ महाराज |
नेटवर्थ |
लगभग 72 लाख प्रति वर्ष |
योगी आदित्य नाथ का जन्म, शिक्षा एवं शुरूआती जीवन (Yogi
Adityanath Birth, Education, Early Life)
योगी आदित्यनाथ का
जन्म 5 जून 1972 में उत्तराखंड के गढ़वाल जिले में एक राजपूत परिवार में हुआ. बचपन में इनका नाम अजय सिंह था. इनके पिता महंत आनंद सिंह बिश्त जी महाराज गुरु गोरखनाथ मंदिर के महंत थे. उनकी मृत्यु के बाद योगी अब स्वयं इस मंदिर के महंत हैं. इन्होने एच.एन.बी. गढ़वाल विश्वविद्यालय विज्ञान में स्नातक किया है. इन्होने हिन्दू युवाओं को एक साथ लाकर हिन्दू युवा वाहिनी का निर्माण किया. ये संगठन सदैव ही किसी न किसी तरह के विवादों में उलझा रहता है.
योगी आदित्य नाथ परिवार (Yogi
Adityanath Family)
पिता का |
आनंद सिंह |
माता का |
सावित्री देवी |
भाई का |
महेंद्र सिंह |
बहन का |
शशि एवं |
वैवाहिक स्थिति |
अविवाहित |
पत्नी (Wife) |
नहीं है |
योगी जी के पिता आनंद सिंह बिश्त एक फारेस्ट रेंजर थे, वहां से रिटायर होने के बाद वे गोरखनाथ मंदिर के महंत बने. इनके भाई महेंद्र सिंह बिश्त भारतीय आर्मी में हैं एवं अन्य 2 भाई कॉलेज में काम करते हैं. इनकी एक बड़ी बहन एवं 2 छोटी बहन है. यानि कुल मिलाकर ये 7 भाई बहन हैं.
Yogi Adityanath Educational
Qualification (योगी आदित्यनाथ शैक्षणिक योग्यता)
इनकी प्रारंभिक शिक्षा
पौड़ी उत्तराखंड के प्राथमिक विद्यालय में हुई। प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के बाद
योगी आदित्यनाथ ने हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय से गणित और विज्ञान
में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद योगी ने गणित में
एमएससी की शिक्षा प्राप्त करने के लिए दाखिला लिया पर राम मंदिर में हो रहे आंदोलन
के कारण इनका मन विचलित हो गया और इनका ध्यान पढ़ाई से हट गया।
वैसे तो इनका राजनैतिक
जीवन बचपन में ही शुरू हो गया था। कॉलेज में इनकी गिनती अखिल भारतीय विद्यार्थी
परिषद के उभरते हुए नेताओं में की जाने लगी थी इसलिए इन्होनें छात्र चुनाव संघ में
लड़ने की योजना बनाई जिसमें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इनको टिकट नहीं दी
जिसके चलते योगी ने निर्दलीय सदस्य के रूप में नामांकन भरा जिसमें सन् 1992 में यह चुनाव हार गयें। मात्र 22 वर्ष की उम्र में योगी ने
सांसारिक जीवन को त्यागकर संन्यास आश्रम में प्रवेश किया।
योगी आदित्यनाथ की सन्यासी जीवन
की शुरुआत Beginning of Yogi Adityanath ‘S ascetic life
सन्यास
जीवन (योगी आदित्यनाथ बायोग्राफी): सन्यास जीवन शुरू करने के लिए योगी ने महंत
अवैद्यनाथ से मुलाकात की जिसके बाद इनका नाम अजय सिंह बिष्ट से योगी आदित्यनाथ हो
गया। सन्यास जीवन ग्रहण करने के बाद योगी ने घर त्यागने, और परिवार त्यागने के बाद
देशसेवा और समाज सेवा करने का संकल्प लिया। सन् 15 फरवरी 1994 को मंहत अवैद्यनाथ
ने योगी को नाथ संप्रदाय की गुरु दीक्षा दी और उन्हें अपना शिष्य बना लिया। इसके
बाद अजय सिंह बिष्ट का नाम बदलकर योगी आदित्यनाथ हो गया। 12 सितंबर 2014 को महंत
अवैद्यनाथ के निधन के बाद योगी आदित्यनाथ को गोरखनाथ मंदिर का महंत बनाया गया और
नाथ पंथ के पारंपरिक अनुष्ठान के अनुसार मंदिर का पीठाधीश्वर बनाया गया।
योगी आदित्यनाथ की दिनचर्या (Yogi
Adityanath routine)
योगी आदित्यनाथ को
जानवरों से बहुत ज्यादा प्यार है खासकर गाय, कुत्ते, बिल्ली और बंदर से ज्यादा
प्यार करते है। योगी आदित्यनाथ सुबह चार बजे उठ जाते है इसके बाद हठयोग करते है।
जो 2 घंटे तक चलता है। योगी गायों से बहुत प्यार करते है जिसके कारण वह सुबह
नास्ता करने से पहले गायों को चारा खिलाते है और योगा और प्रार्थना करने के बाद
गौशाला में गायों की सेवा करते है। आदित्यनाथ की संस्था सड़कों पर पड़े बीमार और
घायल जानवरों को अपनी संस्था में लाकर उनका इलाज और सेवा करती है।
आइये अब बात करते है
की योगी आदित्यनाथ जी कैसे कपड़े पहनते है? योगी जी भगवा रंग का कुर्ता पहनते है।
यह कुर्ता “नाखूनी सादा कुर्ता” के नाम से महसूर है। इसके पीछे एक कारण है क्योंकि
इस कुर्ते को सिलने के लिए दर्जी के नाखून बड़े होने चाहिए। तभी वह यह कुर्ता सील
सकता है। इसी लिए इसका नाम “नाखूनी सादा कुर्ता” पड़ा है। यह जानकारी योगी जी का
कुर्ता सिलने वाले गोरखनाथ मंदिर कॉम्प्लेक्स के बुद्धिराम ने दी है। बुद्धिराम के
अनुसार अब इस कुर्ते की मांग बढ़ गयी है। उन्होंने बताया की योगी जी को गोल गले
वाले कुर्ते ही पसंद हैं।
योगी आदित्यनाथ हिन्दू युवा वाहिनी संगठन (Yogi
Adityanath Hindu Yuva Vahini)
हिन्दू युवा वाहिनी योगी आदित्यनाथ द्वारा स्थापित केवल हिन्दुओं का
संगठन है. इस संगठन पर पुलिस ने सन 2005 में मउ में हुए दंगों का आरोप लगाया. इस दंगे में ये हिन्दू दल मुख़्तार अंसारी नाम के एक विधायक, जिस पर भारतीय जनता पार्टी के एक विधायक कृष्णानंदा राय की हत्या का आरोप था, के विरोध में दंगा किया था. इसके साथ ही हिन्दू युवा वाहिनी पर 2007 में गोरखपुर दंगे का भी आरोप लगा.
योगी आदित्य नाथ राजनीतिक करियर (Yogi
Adityanath Political Career)
योगी आदित्यनाथ देश के
बारहवें लोकसभा चुनाव में गोरखपुर से चुनाव जीत कर 26 वर्ष की उम्र में सबसे कम उम्र के सांसद बने. सन 1998- 99 में ये कमेटी ऑफ़ फ़ूड, सिविल सप्लाई, डिपार्टमेंट ऑफ़ सुगर एंड एडिबल आयल, मिनिस्ट्री ऑफ़ होम अफेयर्स आदि में काम किये. सन 1999 में तेरहवीं लोकसभा में ये पुनः निर्वाचित हुए और पुराने सभी पदों पर बने रहे. सन 2004 में पुनः अपनी इसी सीट से इन्होने चुनाव जीता और सभी पुराने पदों पर काम करते रहे. सन 2009 में पन्द्रहवें लोकसभा में इन्हें लोगों ने फिर से अपना प्रतिनिधि चुना और इस बार वे परिवहन, पर्यटन और संकृति के कमिटी मेम्बर हुए. इसके बाद पुनः सन 2014 में भारत के सोलहवें लोकसभा में ये गोरखपुर सीट से चुनाव जीत कर पुनः लोकसभा सांसद बने.
इसके अलावा ये
हिन्दू महासभा के अध्यक्ष भी हैं. तात्कालिक समय में गुरु गोरखनाथ मंदिर के महंत आवैद्यानाथ की मृत्यु के बाद इन्हें इस मंदिर का पीठाधिश्वर बनाया गया. यह मंदिर नाथ संप्रदाय के पुराने रीति – रवाजों का
पालन करता है.
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राजनीतिक
विवादों में आदित्यनाथ (Yogi
Adityanath Controversies)
योगी आदित्यनाथ पर
कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. इन मामलों में कुछ दंगे भड़काने का आरोप, हत्या की कोशिश, बहुत खतरनाक हथियारों को रखने का आरोप, ग़ैर क़ानूनी तरह से सभा लगाना आदि है. इसके अलावा इन पर और भी आरोग लगाये गए.
धर्मान्तरण
सन
2005 में योगी आदित्यनाथ पर क्रिस्टियन लोगों को धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगा था. इन पर आरोप था कि ये ईसाई धर्म के लोगों को किसी विशेष तरह से हिन्दू धर्म में बदलने की कोशिश कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश के एटा नामक जगह पर इन्होने लगभग 1800 ईसाइ धर्म के लोगों को हिन्दू धर्म में परिवर्तित कर दिया था.
दंगे और गिरफ्तारियां
जनवरी 2007 में हिन्दुओं और
मुस्लिमो के बीच मुहर्रम के दौरान एक तकरार हुई थी. इस तकरार में युवा वाहिनी का एक सदस्य राज कुमार अग्रहरी भी था. उस क्षेत्र के जिलाधीश ने योगी से बात की और उन्हें उस जगह पर न जाने को कहा. शुरू में योगी मान गये पर इसी दौरान इस तनाव में अग्रहरी की मृत्यु हो गयी. इस घटना से उत्तेजित होकर योगी मजिस्ट्रेट की बात न मान कर अपने अनुयायीओं के साथ उस तकरार वाली जगह पर पहुँच गये. आदित्य नाथ ने पहले तो एक अहिंसक धरना दिया, लेकिन योगी की बातों ने उनके कुछ अनुयायियों को भड़का दिया, और उन लोगों ने मिलकर वहाँ पर स्त्थित एक मज़ार में आग लगा दी. इसके बाद पूरे क्षेत्र में लोकल पुलिस द्वारा कर्फ्यू लग गया, योगी ने इस कर्फ्यू को भी नहीं माना, और उन्हें इंडियन पेनल कॉड की धारा 151A , 146, 279, 506 के तहत गिरफ्तार कर लिया गया. इस गिरफ्तारी से क्षुब्ध होकर हिन्दू युवा वाहिनी के सदस्यों ने मुंबई – गोरखपुर एक्सप्रेस के
कुछ डिब्बे जला डाले. इस घटना के बाद वहाँ के तात्कालिक ज़िलाधिकारी और लोकल पुलिस चीफ़ का तबादला कर दिया गया. उसके बाद गोरखपुर में कई मस्जिदों, घरो, बसों, ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया गया. जेल से छूटने के बाद योगी ने अपनी गिरफ्तारी का विरोध लोकसभा में भी किया.
योगी आदित्यनाथ के विवादास्पद बयान (Yogi
Adityanath Controversial Statements)
योगी आदित्यनाथ ने
कुछ विवादास्पद बयान भी दिए, जो इस प्रकार हैं
योग पर
9
जून 2015 को योगी जी ने उन लोगों को अपना निशाना बनाया, जो लोग योग नहीं करते या योग में सूर्यनमस्कार नहीं करते. उन्होंने सभी सूर्य नमस्कार न करने वालों को कहा कि सूर्य नमस्कार का विरोध करने वाले या सूर्य नमस्कार न करने वाले को भारत में रहने का कोई हक़ नहीं है. उन्होंने कहा कि उनकी उन लोगों से गुजारिश है, जो लोग सूर्य में भी हिन्दू – मुस्लिम देखते हैं उन्हें डूबकर मर
जाना चाहिए.
शाहरुख़ खान
पर
मीडिया में असहिष्णुता के
तर्क– वितर्कों के दौरान योगी जी ने बॉलीवुड हीरो शाहरुख़ खान की तुलना आतंकवादी हाफ़िज़ सईद से की. असहिष्णुता पर शाहरुख़ के बयान को सुनकर उन्होने कहा कि शाहरुख़ को इस देश में बहुसंख्यक समुदाय का ध्यान रखना चाहिए. देश ने उन्हें स्टार बनाया है. यदि देश के लोग उनकी फिल्मे देखना छोड़ दें, तो शाहरुख़ को गलियों में घूमना पड़ेगा.
योगी आदित्य नाथ का भाजपा से सम्बन्ध (Yogi Adityanath BJP)
योगी काफ़ी लम्बे समय से
भाजपा से सम्बन्ध रखते हैं. 2006 में उन्होंने गोरखपुर में एक विराट हिन्दू सम्मलेन का आयोजन किया था. इसी समय लखनऊ में भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारी बैठक रखी थी. इस दौरान 2007 में उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी और योगी के बीच तनाव देखा गया. हालाँकि बाद में सब सामान्य हो गया.
मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ के 15 बड़े फ़ैसले (Yogi Adityanath 15 Major Decisions)
उत्तरप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की
एक प्रकांड बहुमत से जीत के बाद मुख्यमंत्री पद की दौड़ में कई नेता दिखे. इस सभी को पीछे छोड़ते हुए योगी आदित्यानाथ ने बीती 19 मार्च को मुख्यमंत्री के पद के लिए शपथ ग्रहण किया. योगी के शपथ समारोह में केंद्र के कई बड़े नेता प्रधानमन्त्री मोदी के साथ एक ही मंच पर दिखे. योगी ने मुख्यमंत्री बनते हुए सामाज के सभी समुदायों और वर्गों के लिए कार्य करने की शपथ ली. इनके कैबिनेट में कुल 47 मंत्री शामिल हैं.
योगी ने
मुख्यमंत्री बनने के साथ ही अपने फैसले सुनाने शुरू कर दिए है. उन्होंने उत्तरप्रदेश के लोगों के लिए कई बड़ी बातों का ऐलान किया है, जिसका वर्णन नीचे किये जा रहा है.
योगी आदित्यनाथ ने
बीजेपी के चुनावी घोषणापत्र में दिया गया अवैध कसाईखानों को बंद कराने के मुद्दे पर सबसे पहले दावा बोला. उन्होंने मुख्यमंत्री बनते ही कई पुलिस कर्मचारियों को ये आदेश दिया है कि जल्द से जिल्द एक ऐसी योजना तैयार की जाए, जिसकी सहायता से उत्तरप्रदेश में चल रहे अवैध कसाईखाने बंद कराये जा सकें.
योगी आदित्यनाथ स्वयं एक
पुजारी और गौ सेवक हैं. उन्होंने राज्य के पुलिस प्रमुखों को आदेश दिया है, कि राज्य में होने वाले गाय की तस्करी पर जल्द से जल्द कार्यवाही करे. उन्होंने यह भी कहा है कि पुलिस को इस काम में आवश्यकता के अनुसार सख्ती बरतने की छूट है. इस कार्य के लिए उन्होंने ‘जीरो –टॉलरेंस’ की नीति अपनाने की बात कही.
अपने मुख्यमंत्री बनने के
दुसरे दिन ही उन्होंने उत्तरप्रदेश में लड़कियों को छेड़ने वाले मनचलों के विरोध में एक बड़ा फैसला लिया है. उन्होंने उत्तर प्रदेश पुलिस को एक ‘एंटी रोमियो स्क्वाड’ नाम की टीम का गठन करने का आदेश दिया है. ये टीम लखनऊ के ग्यारह जिलों में तैनात की गयी है, जो मनचलों को सबक़ सिखाएगी. ये टीम लखनऊ के सभी स्कूलों और कॉलेजों के बाहर तैनात रहेगी.
योगी आदित्यनाथ ने
मुख्यमंत्री बनते हुए एक और बहुत बड़ा फैसला लिया है. इस फैसले के तहत किसी भी सरकारी कार्यालय में किसी कर्मचारी को पान या तम्बाकू खाने की इजाज़त नहीं होगी. सरकारी कार्यालयों के साथ ये फैसला स्कूल, कॉलेजों और अस्पतालों में भी लागू होता है. योगी ने सरकारी कार्यालयों में प्लास्टिक के इस्तेमाल पर भी रोक लगा दी है. उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या के अनुसार पिछली सरकार के दौरान सभी सरकारी कार्यालयों में पान की पीक से इतनी गन्दगी फैलाई गयी थी कि वहाँ रहना मुश्किल लग रहा था.
उत्तरप्रदेश सरकार की
नयी कैबिनेट तैयार होने के साथ योगी ने कैबनेट के सभी मंत्रियों को उनके व्यक्तिगत सभी अचल एवं चल धन सम्पति का सारा ब्यौरा पंद्रह दिन के अन्दर उनके सामने लाने को कहा है. ये फैसला उत्तरप्रदेश सरकार के सभी सदस्यों को बुलाकर एक मीटिंग में लिया गया. इस मीटिंग में उत्तरप्रदेश सरकार के कुल 65 आधिकारिक सदस्य मौजूद थे.
योगी आदित्यनाथ ने
अपने कैबिनेट के सभी मंत्रियों को निर्देश दिया है कि किसी भी मुद्दे पर बिना सोच समझे ग़ैर ज़रूरी और ग़ैर ज़िम्मेदाराना बयान न दें. इस तरह के ग़ैर जिम्मेदाराना बयान से लोगों की भावनाएँ आहत होती हैं, और समाज में बहुत बुरा सन्देश जाता है, जिससे सरकार की छवि खराब होती है.
योगी आदित्यनाथ ने
मुख्यमंत्री बनने के साथ ही केंद्रीय पर्यटन मंत्री महेश शर्मा से मुलाक़ात की, और अयोध्या में एक विशाल रामायण म्यूजियम के निर्माण की बात कही. ऐसा माना जा रहा है कि राज्य सरकार ने इस काम के लिए अयोध्या में 25 एकड़ ज़मीन चुन ली है और केंद्र सरकार ने 154 करोड़ का फंड इस काम को पूरा करने के लिए देने की बात कही है.
योगी आदित्यनाथ ने
ग़ैर सरकारी सलाहकारों को नौकरी से हटाने का फैसला किया है. इन सलाहकारों के अतिरिक्त अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, निगम सदस्य, अनावश्यक समितियां और उनके सदस्य आदि भी शामिल हैं. समाजवादी पार्टी की सरकार ने अपने समय में ऐसे 80 सलाहकारों को नियुक्त कर रखा था, जो एक मंत्री को मिलने वाली सुविधाओं का लाभ उठा रहे थे.
योगी आदित्यनाथ ने
एक मीटिंग में सभी अधिकारियों को भारतीय जनता पार्टी का संकल्प पत्र दिया है और उस पर अमल करने को कहा है. मुख्यमंत्री के अनुसार लोकहित में तैयार किये गये भारतीय जनता पार्टी के संकल्प पत्र को ध्यान में रखते हुए ये सरकार अपना कार्य करेगी.
योगी ने
पुलिस अधिकारियों को लगातार सोशल मीडिया से जुड़े रहने का आदेश दिया है, जिसकी सहायता से पुलिस को जल्द से जल्द किसी घटना का पता चलेगा और पुलिस बिना समय गंवाए घटनास्थल पर पहुँच कर मामले में हस्तक्षेप कर सकेगी. योगी ने कहा ये राज्य में सांप्रदायिक शांति के लिए अतिआवश्यक है. साथ ही उन्होंने महिला सुरक्षा पर ‘जीरो टोलेरेंस’ की नीति अपनाने की बात कही है.
योगी ने
समाज से VIP कल्चर को हटाने के लिए एक बहुत बड़ा क़दम अपनाया है. उन्होंने अपने सभी मंत्रियों को आदेश दिया है कि वे अपनी निजी गाड़ियों में लाल बत्ती का इस्तेमाल नहीं करेंगे. ये फैसला कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा भी पंजाब के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद लिया गया है.
उच्च पदो पर
आसीन नौकरशाहों को एक छोटी सी मुलाक़ात में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ये कह दिया है कि राज्य में न्याय और व्यवस्था एक हफ्ते में तात्कालिक हाल से अधिक विकसित होता दिखना चाहिए.
इलाहाबाद में एक
बसपा नेता की हत्या के मामले में राज्य के मुख्यमंत्री ने डीजीपी जावेद अहमद को निर्देश दिया है, कि वे जल्द से जल्द अभियुक्तों को गिरफ्तार करे. साथ ही ये भी निर्देश दिया कि क्षेत्र के न्याय और व्यवस्था की रिपोर्ट पंद्रह दिनों में उनके सामने रखी होनी चाहिए.
राज्य के
मुख्यमंत्री ने सभी उच्च पदाधिकारियों को ये निर्देश दिया है कि वे जल्द से जल्द उन लोगों पर सख्त से सख्त कार्यवाही करें, जो राज्य सरकार के दिशानिर्देश का पालन नहीं कर रहे है और अवैध कसाईखानों को अभी भी चला रहे हैं.
भारतीय जनता पार्टी के
घोषणा पत्र में राममंदिर निर्माण का भी ज़िक्र है. योगी आदित्यनाथ का इस मुद्दे पर औपचारिक बयान नहीं आया है, किन्तु वे ऐसे कई लोगों से मिलते नज़र आ रहे हैं जो राम जन्म भूमि आन्दोलन से जुड़े हैं
योगी आदित्यनाथ 2022 चुनाव में
जैसा कि
हमने आपको बताया कि योगी आदित्यनाथ जी ने अब दूसरी बार उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री की बागडोर संभालेंगे. इनकी दोबारा जीत में इतिहास रच दिया है. पूरे 37 साल बाद ऐसा हुआ है कि उत्तरप्रदेश में दूसरी बार उसी सरकार ने राज किया हो. जल्द ही ये मुख्यमंत्री पद की दोबारा शपथ ग्रहण करेंगे. अब देखना यह होगा कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्य ने जिस तरह से पहली बार मुख्यमंत्री बनने पर जो प्रदर्शन किया था वाही अब दोबारा करते हैं या नहीं.
FAQ
Q : योगी आदित्यनाथ जी का असली (Real) नाम किया
है?
Ans : योगी जी का (Real Name) वास्तविक नाम अजय सिंह बिष्ट है
Q : योगी आदित्यनाथ की शिक्षा कितनी है ?
Ans : गणित में स्नातक (बीएससी)
Q : योगी आदित्यनाथ के कितने भाई है ?
Ans : 3, 1 बड़े 2 छोटे
Q : योगी आदित्यनाथ की पत्नी का नाम क्या है ?
Ans : शादी नहीं हुई.
Q : योगी आदित्यनाथ के पिता का क्या नाम है ?
Ans : आनंद सिंह बिश्त
Q : योगी आदित्यनाथ का क्रिमिनल रिकॉर्ड क्या है ?
Ans : राजनीतिक विवादों से
घिरे रहने के कारण इन पर कुछ क्रिमिनल रिकॉर्ड भी हैं.
Q : योगी आदित्यनाथ का पर्सनल कांटेक्ट नंबर क्या है ?
Ans : 09454404444
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